कानपुर नगर, भारतीय बाल रोग अकादमी द्वारा बाल रोग किशोरावस्था सप्ताह के अतंर्गत वैक्सीन पर चयरपर्सन डा0 सुनील तनेजा व डा0 वीके टण्डन की उपस्थित पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें डा0 विवेक सक्सेना ने कहा इस समय विश्व भर में बच्चों की गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए कई वैक्सीन पर शोध चल रहा है। बताया हाल में ही एचआईबी
का 6इन का कोम्बीनेशन टीका मार्केट में उपलब्ध हो गया है। डेंगू के चारो प्रजातियों को कवर करने वाले टिके पर शोध कार्य चल रहा है, जो 1 से 2 वर्ष में मार्केट में आने की संभावना है। बताया इन्फ्ुएंजा, टाइफाइड, एमएमआर, हेपेटाइटिस-ए और बी आदि के टीके बच्चों को जरूर लगाना चाहिये। डा0 रेाली मोहन ने बताया बच्चो में ज्ञान की समझ विकसित करने, कक्षा कक्ष प्रबंधन, प्रभावी छात्र शिक्षक संवाद एवं निर्दे की उत्तमता, संरचित अध्यापन एवं सीखने पर जोर देने वाली गतिविधियों में दृष्टिकोण से इन कार्यविधियों का सर्वाधिक महत्व है। कहा आईसीटी समर्पित शिक्षण और अधिगम में संदर्भ में सीखने की प्रक्रिया के परिणामों पर विशेष रूप से प्रत्येक कक्षा और हर विषय के लिए संभावित शिक्षक परिणामों पर विशेष रूप से ध्यान दिये जाने की जरूरत है ताकि यह शिक्षकों विधालय प्रमुखों के द्वारा कं0 से समझाा जा कसे और इसे माता-पिता और समुदाय के बीच व्यापक रूप से प्रचारित यिका जा सके। इस अवसर पर डा0 एमएम मैथानी, डा0 जेके गुप्ता, डा0 अनुराग भारती, डा0 एके आहूजा, डा0 प्रभत तिवारी, डा0 आशीष विश्वास आदि मौजूद रहे।
का 6इन का कोम्बीनेशन टीका मार्केट में उपलब्ध हो गया है। डेंगू के चारो प्रजातियों को कवर करने वाले टिके पर शोध कार्य चल रहा है, जो 1 से 2 वर्ष में मार्केट में आने की संभावना है। बताया इन्फ्ुएंजा, टाइफाइड, एमएमआर, हेपेटाइटिस-ए और बी आदि के टीके बच्चों को जरूर लगाना चाहिये। डा0 रेाली मोहन ने बताया बच्चो में ज्ञान की समझ विकसित करने, कक्षा कक्ष प्रबंधन, प्रभावी छात्र शिक्षक संवाद एवं निर्दे की उत्तमता, संरचित अध्यापन एवं सीखने पर जोर देने वाली गतिविधियों में दृष्टिकोण से इन कार्यविधियों का सर्वाधिक महत्व है। कहा आईसीटी समर्पित शिक्षण और अधिगम में संदर्भ में सीखने की प्रक्रिया के परिणामों पर विशेष रूप से प्रत्येक कक्षा और हर विषय के लिए संभावित शिक्षक परिणामों पर विशेष रूप से ध्यान दिये जाने की जरूरत है ताकि यह शिक्षकों विधालय प्रमुखों के द्वारा कं0 से समझाा जा कसे और इसे माता-पिता और समुदाय के बीच व्यापक रूप से प्रचारित यिका जा सके। इस अवसर पर डा0 एमएम मैथानी, डा0 जेके गुप्ता, डा0 अनुराग भारती, डा0 एके आहूजा, डा0 प्रभत तिवारी, डा0 आशीष विश्वास आदि मौजूद रहे।