
कानपुर नगर,आयुष्मान खुराना की नई फिल्म आर्टिकल-15 लगातार विवादों में है। यह फिल्म आज 28 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। ब्राह्मण समुदाय का आरोप है कि फिल्म में उनकी छवि को धूमिल किया गया है।फिल्म आर्टिकल 15 का ट्रेलर सोशल मीडिया में आने के बाद विरोध शुरू हो गया है । फिल्म में ब्राह्मण समाज पर जिन शब्दों का उपयोग कर उसके विषय में बताया गया है । उस पर ब्राह्मण संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है ।
फिल्म आर्टिकल-15 के विरोध में ब्राह्मण समाज के लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।विभिन्न ब्राह्मण संगठनों के लोग फिल्म के विरोध में सड़क पर उतर गए
फिल्म के प्रीव्यू व अन्य चर्चाओं से स्पष्ट हुआ है कि फिल्म सामाजिक सद्भाव समरसता के खिलाफ व सामाजिक भेदभाव, वैमनस्यता को बढ़ाने वाली है। फिल्म के माध्यम से ब्राह्मण समुदाय पर मिथ्या अपमानजनक टिप्पणी की गई है। इसका तमाम ब्राह्मण संगठन विरोध और निंदा करते हैं। इस प्रकार की फिल्मों से आपसी भाईचारा बिगड़ता है और समाज में रोष बढ़ता है। इसलिए उनकी मांग है कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाए।

सर्व ब्राह्मण महासभा,ब्राह्मण एकता परिषद ,कान्यकुब्ज ब्राह्मण सभा सहित लगभग 26 संगठन एकत्रित होकर गुरुदेव पैलेस ,सपना पैलेस सहित z स्क्वायर सिनेघरो में पहुचें और प्रदर्शन कर फिल्म को नहीं चलने दिया ।
ब्राह्मण नेता वीरेंद्र दुबे का कहना है की फिल्म को ब्राह्मण जाति से जोड़ा गया है। किसी जाति का नहीं होता। फिल्म रिलीज होने पर जातीय विद्वेष फैलने की भी संभावना है।
सर्व ब्राह्मण महासभा के कार्रयकारी अध्यक्ष वरुण मिश्रा ने कहा कि प्रदेश का ब्राह्मण इससे नाराज है।
फिल्म में घटना की कहानी से छेड़छाड़ की गई है और इरादतन दोषियों को ब्राह्मण जाति का दिखाया गया है जिससे समुदाय खुद को अपमानित मान रहा है। प्रदर्शन में प्रमुखरूप से नरेन्द्र द्वेवेदी,राजेन्द्र द्वेवेदी ,पुष्पेन्द्र दुबे,अमित दीक्षित "पोपन",धीरू शुक्ला आदि लोग उपस्थित थे। राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज दीक्षित ने बताया की हम लोगो ने फ़िल्म के रोक पर याचिका लगा दी है इस याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने 5 जुलाई की तारीख दी । मुझे यकीन है की सविधान की रक्षा व् भारत के विभिन्न जाति और समुदाय के एकता बनी रहें इस उद्देश्य से मेरी याचिका पर इस फिल्म पर पूर्ण प्रतिबन्ध जरुर लगेगा।