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अनुभव चक ने बीएसपी से दिया इस्तीफा

कानपुर, हवेली रेस्टोरेंट लाजपत नगर में बसपा नेता अनुभव चक ने एक पत्रकार वार्ता आयोजित की ! पत्रकारों को संबोधित करते हुए बसपा नेता अनुभव चक ने कहा कि काशीराम साहब ने जो BSP बनाई थी,उसका मकसद था दबे कुचले सदियों से वंचित रखे गए समाज को उनका अधिकार दिलाना और उनके ऊपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष करना ! उनकी विचारधारा से प्रभावित होकर ही मेरे जैसे लाखों करोड़ों कार्यकर्ता BSP यानी Bahujan Samaj Party जिसमें समाज के हर वर्ग की नुमाइंदगी सुनिश्चित करने के लिए कोई ना कोई नेता था उस से जुड़ा था,पर बहनजी कांशीराम साहब के निधन के बाद काशीराम की विचारधारा से दूर होती चली गई और एक-एक करके पार्टी की सभी अधिकार सतीश चंद्र मिश्रा जैसे जनाधार विहीन उस व्यक्ति को सौंपती गयी जिसने अपने परिवार के सदस्यों को 2007 की सरकार में 22 लाल बत्तियां  दिलवाई थी परंतु वह अपने परिवार के लोगों को ही बसपा से जोड़ नहीं पाया ! सरकार जाते ही उसके परिवार के सभी लोग बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर अन्य पार्टियों में चले गए ! ऐसे व्यक्ति को बहन जी आगे बढ़ाती गई और जो बसपा के जनाधार वाले नेता थे उनको किनारे करती चली गई और सतीश चंद्र मिश्रा को पार्टी में नंबर दो की स्थिति में पहुंचाया और अब तो हद हो गई 17 सितंबर 2019 को जिन बहुजन समाज के नायक की तस्वीर के बिना बहुजन समाज पार्टी की कोई भी होल्डिंग बैनर नहीं बनता था, उन बहुजन नायक रामास्वामी पेरियार के जयंती के अवसर पर ट्वीट तक ना करके उन्होंने नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर बधाई दी लेकिन पेरियार साहब की जयंती की बधाई तक देने की जरूरत नहीं समझी !नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री के रूप में जन्मदिवस की बधाई देती हमें कोई आपत्ति नहीं थी लेकिन पेरियार साहब को किनारे कर देना हमारे जैसे बहुजन समाज पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को स्वीकार नहीं है।साथ ही साथ जहां भारतीय जनता पार्टी केंद्र सहित देश के सर्वाधिक राज्यों में सरकार बना चुकने के बाद भी अपने अट्ठारह करोड़ सदस्य बनाने के बाद अभी भी नई नई रणनीति बनाने में लगी हुई है कि कैसे पार्टी को और मजबूत करें और अमित शाह सहित पूरा संगठन मेहनत कर रहा है वही हमारी नेता बहिन जी अभी भी  जो मीटिंग्स करती हैं उनमें सिर्फ एक ही चर्चा होती है कि किस तरह से ज्यादा से ज्यादा मेंटेनेंस इकट्ठा हो, ज्यादा से ज्यादा चंदा एकत्र हो और कैसे टिकट ज्यादा से ज्यादा पैसे में बेची जाए! उसी का परिणाम है कि बसपा के सबसे ज्यादा विधायक और सांसद दलबदल करते हैं और यह सब बहन जी के समझ में नहीं आ रहा है। अब क्योंकि सतीश मिश्रा ही पार्टी से जुड़े सभी निर्णय ले रहे हैं और बहुजन नायकों को नजरअंदाज किया जाने लगा है और अब Bsp (bahujan samaj party) न रह कर (bhai satish party)बन चुकी है ऐसे में मेरे जैसे बहुजन समाज पार्टी  कार्यकर्ता का bsp( bhai satish party) रहने का कोई औचित्य नहीं है इसलिए मैं आज भारी मन से स्वयं को इस bhai satish party(bsp)रूपी बंधन से आजाद करता हूं यानी इस्तीफा देता हूं साथ ही सभी मिशनरी कार्यकर्ताओं और अपने हज़ारो समर्थको से अपील करता हूं कि कांशीराम साहब और बहुजन नायकों के सम्मान के साथ जो खिलवाड़ अब इस bhai satish party(bsp)में हो रहा है तो आप सभी चुप ना बैठे और आवाज़ उठाएं जिससे इसका परिणाम आने वाले उपचुनाव में और सभी चुनावो में दिखाई दे और हर सीट पर bhai satish party(bsp)के प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो जाये जिससे हमारे महापुरुषों को अपमानित करने वालो को उचित सबक मिल सके।।
 अनुभव चक के साथ इस्तीफा देने वालो में प्रमुख रूप से राजेन्द्र गुप्ता(पूर्व जिला प्रभारी कानपुर),इंजी.जे.पी. सोनकर(पूर्व कोषाध्यक्ष कानपुर नगर),बबलू पासवान(पूर्व जिला प्रभारी),अनिल चक(पूर्व अध्यक्ष गोविंदनगर विधानसभा),प्रभात खटीक(झांसी जिला अध्यक्ष),प्रशांत वर्मा(पूर्व जिला प्रभारी कानपुर) शामिल थे।