लोकसभा चुनाव की हार से निराश कांग्रेस के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा में एक बार फिर संजीवनी बनते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस आलाकमान ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा में चेहरा बनाने और कुमारी शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला विधानसभा चुनाव ऐलान से महज 15 दिन पहले लिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भरोसा जताने में कांग्रेस आलाकमान ने देर तो नहीं कर दी?
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार को आएंगे, लेकिन उससे पहले एक्ज़िट पोल के सर्वे ने बीजेपी की नींद उड़ा दी है. एग्जिट पोल में बीजेपी की सीटें घटती नजर आ रही हैं तो कांग्रेस की सीटों में इजाफा होता दिख रहा है. कांग्रेस-बीजेपी दोनों बहुमत के जादुई आंकड़े को छू नहीं पा रही हैं.
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 32 और 44 के बीच सीट मिलती दिख रही हैं. जबकि, कांग्रेस को 30 से 42 सीट मिलने का अनुमान है तो जेजेपी को 6 से 10 सीटें और अन्य के खाते में 6 से 10 सीटें जाती दिख रही हैं. हालांकि, 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 47, कांग्रेस 15, इनेलो को 19 और अन्य को 9 सीटें मिली थी.
इसी के चलते जाट समुदाय का बड़ा तबका हुड्डा के नाम पर कांग्रेस के साथ एकजुट होता दिखाई दिया. इसका असर इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में भी नजर आ रहा है. कांग्रेस 15 सीटों से बढ़कर 30 से 42 सीट पाती दिख रही है. ऐसे में एग्जिट पोल के अनुमान नतीजों में तब्दील होते हैं तो यकीनन सवाल उठेगा कि कांग्रेस आलाकमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अगर कमान और पहले सौंपी होती तो हरियाणा के नतीजे कुछ और ही होते?
साभार:चौथी दुनिया