
कानपुर नगर। जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल उर्सला का किया औचक निरीक्षण। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अस्पतालों के समस्त वार्डों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए, इस कार्य में लगे सफाई कर्मी प्रत्येक स्थिति में सफाई पर विशेष ध्यान दे ,इसमे लापरवाही मिलती है तो कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
अस्पताल परिसर में पानी भरा न मिले बराबर दवा का छिड़काव कराते रहे।समस्त डेंगू के मरीजों की जांच में लापरवाही न हो,समस्त डेंगू के भर्ती मरीजों की मॉनिटरिंग सीएमएस अपनी टीम लगाकर स्वयं करें और समस्त मरीजो की स्थिति की प्रगति रिपोर्ट प्रतिदिन की मुझे दे। किसी भी स्थिति में कोई लापरवाही नही होनी चाहिए, इसके लिए डेंगू वार्ड में विशेष डॉक्टरों की टीम भी गठित कर भर्ती मरीजो का इलाज गुणवत्तापूर्ण कराये।

उर्सला में स्थापित पी0पी0पी मॉडल पर डायलिसिस निःशुल्क किया जाता है जो अपनी पुरी क्षमता से संचालित है ,जिसमे 9 नार्मल तथा एक पॉजटिव डायलिसिस मशीन है जो कानपुर में और कही नही है। समस्त नागरिकों से अपील है कि प्राइवेट में जिसका शुल्क 1500 से 2500 रुपये है जो यहां निःशुल्क कराया जाता है जिसे उसकी क्षमता से 20 मरीज ही प्रतिदिन डायलिसिस किया जा रहा है ।पीड़ित मरीज निःशुल्क डायलिसिस यही से ही कराये। उक्त निर्देश आज जिलाधिकारी श्री विजय विश्वास पंत ने उर्सला के औचक निरीक्षण के दौरान उपस्थित डॉक्टरों को दिए। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सदर को डेंगू वार्ड तथा अन्य अस्पताल का निरीक्षण करने के निर्देश दिए और साथ ही स्वयं डायलिसिस यूनिट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डायलिसिस यूनिट अपनी पूरी क्षमता से संचालित मिला,उन्होंने यहां भर्ती मरीज वीरेंद्र कुमार शर्मा निवासी नोखड़ा से बात की तो उनके द्वारा बताया गया कि उनका डायलिसिस अच्छे से हो रहा है उनको कोई समस्या नही है।उन्होंने सुधीर कुमार निवासी शारदा नगर से भी इनके डायलिसिस के विषय मे पूछा तो उन्होंने भी अच्छे से निःशुल्क डायलिसिस होनी की बात कही । निरीक्षण के दौरान डायलिसिस कक्ष में फर्स पर पैरों के निशान तथा शौचालय में गन्दगी देख फटकार लगाते हुए कहा कि सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये और कहा कि अब भविष्य में यहां गन्दगी नही मिलनी चाहिए। ततपश्चात उन्होंने उर्सला अस्पताल द्वारा संचालित डायलिसिस रूम का निरीक्षण किया यहां एक भी मरीज भर्ती नही मिला जिस पर उसका कारण पूछा तो उपस्थित सीएमएस शैलेन्द्र तिवारी ने बताया कि गम्भीर मरीज का डायलिसिस यहाँ होता है। जिलाधिकारी ने उर्सला के डेंगू वार्ड का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने डेंगू वार्ड में भर्ती मनीष को देखा जिसकी 11 हजार प्लेटलेश थी उनके परिजनों द्वारा बताया गया कि कोई उनकी नही सुन रहा है प्लेटलेश ले आए है किंतु 1 घण्टे से चढ़ाया नही गया उनसे बाहर से एक निडिल मंगाई गई जिसकी उपलब्धता के विषय मे सीएमएस के पूछा तो उन्होंने उसकी उपलब्धता है इस पर जिलाधिकारी ने नर्स आशा को एडवर्स इंट्री देने के निर्देश दिये साथ ही उनको चेतावनी देते हुए कहा कि अब भविष्य में किसी भी मरीज से कोई भी दवा बाहर से न मंगाई जाये । जिलाधिकारी ने उर्सला के ब्लड बैंक में डेंगू की जाने वाली जांच का रजिस्टर देखा तो रिपोर्ट में प्रतिदिन 100 से ज्यादा जांचे की जा रही है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि सभी मरीजो की डेंगू की जांच में कोई लापरवाही नही होनी चाहिए इसके लिए आने वाले जांच में प्राथमिकता के आधार पर जांच कर उसकी रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराए।जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सदर को समस्त अस्पताल का निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे ।उन्होंने बताया कि वार्ड नंबर 1 में भर्ती मुस्कान की डेंगू की जांच का सैंपल लिया गया था जिसकी अभी तक रिपोर्ट उन्हें नहीं दी गई इस पर जिलाधिकारी ने स्वयं जाकर वार्ड नंबर 1 में मुस्कान के परिजनों से बात की तो उनके परिजनों द्वारा बताया गया कि अभी तक जांच नहीं हुई है इस पर जिलाधिकारी ने सीएमएस को निर्देशित करते हुए कहा कि उक्त प्रकरण की आज ही जांच कराकर इसकी रिपोर्ट मुझे दे दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिय। जिलाधिकारी ने सीएमएस को निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त भर्ती डेंगू मरीज की मॉनिटरिंग प्रतिदिन हो ,इसके लिए कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए प्रतिदिन की रिपोर्ट मुझे एक एक मरीज की दे और उनके इलाज में कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। मैं दोबारा भी निरीक्षण करूँगा यदि कमी मिली तो कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।