Hot Posts

6/recent/ticker-posts

22 हजार करोड़ के घोटाले के विरोध मैं कानपुर देहात विधुत विभाग के कर्मचारियों का हल्लाबोल

रिपोर्ट... मनोज सिंह 
कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश में विद्युत विभाग में हुए 22 हजार करोड़ भविष्य निधि घोटाले को लेकर विभाग के कर्मचारी आंदोलित हो गए हैं। कहीं विरोध प्रदर्शन के माध्यम से तो कहीं ज्ञापन के माध्यम से विद्युत विभाग के कर्मचारी सरकार से इस घोटाले के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही और भविष्य निधि की सुरक्षा की मांग कर रहा है। 
यही नहीं भविष्य निधि की सुरक्षा और घोटाले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही न होने पर आंदोलन को और भी तेज करने की बात कर रहे हैं। इसी के चलते यूपी के जनपद कानपुर देहात में राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन उत्तर प्रदेश के बैनर तले विद्युत विभाग के कर्मचारी ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी भी की। साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित 5 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर खड़े ये लोग, नारे लगाते ये लोग, अपने भविष्य की सुरक्षा की मांग करते ये लोग कोई आमजन नहीं है बल्कि सबके घरो को बिजली से रोशन करने वाले विभाग के कर्मचारी और अधिकारी हैं। इनकी नाराजकी इसलिये है कि उनका भविष्य निधि का पैसा खतरे में पड़ गया है। 
दरअसल ऊर्जा विभाग ने विभाग में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए वेतन से कटने वाले भविष्य निधि को जिम्मेदारो ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड कंपनी में निवेश कर दिया। लेकिन मुम्बई हाई कोर्ट ने कंपनी के खातों में रोक लगाने के बाद विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के भविष्य निधि का पैसा खतरे में पड़ गया। जैसे ही इसकी जानकारी विपक्ष को हुई तो वह सरकार पर हमलावर हो गए। जिसके देखते हुए सरकार ने आनन-फानन में कई लोगो पर कार्यवाही की। लेकिन इस कार्यवाही के बाद भी सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। विपक्षी पार्टियों के बाद अब विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने भी विरोध प्रदर्शन कर सरकार की मुसीबतें बड़ा दी है।
 इसी के चलते कानपुर देहात के जिला मुख्यालय माती में जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में विधुत विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। साथ ही मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी प्रशासन को सौंपा। यहीं नहीं प्रदर्शन कर रहे विधुत विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने 20 नवंबर तक मांगे नहीं माने पर 20 नवंबर से कार्य बहिष्कार के साथ-साथ आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी। प्रदर्शन कर रहे विधुत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की माने तो विभाग के जिम्मेदार लोगों ने नियमों का उल्लंघन कर ऐसी कंपनी पर हमारी भविष्य निधि का निवेश किया है जो दिवालिया हो गई है। इसमे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही सरकार को उनके भविष्य को सुरक्षित रखने के लिये कटने वाले भविष्य निधि की सुरक्षा के विषय मे कदम उठाने चाहिए।