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एनआरसी के विरोध में कल शहर में निकलेगा जुलूस मुस्लिम व अन्य समाज के लोग होंगे शामिल

इटावा। नागरिकता संशोधन विधेयक-2019 जो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अधिनियम बन गया है। भारतीय संविधान के लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष स्वरूप देश की एकता व अखंडता का मुस्लिम समाज सहित अन्य समाज ने इसका कड़ा विरोध किया है। इस तरह का कानून देश की गंगा-जमुनी का उल्लंघन करता है। पूरे देश में इस काले कानून का विरोध हो रहा है।
    रविवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए डा. शुऐब चिश्ती नईमी बताया कि जुलूस 17 दिसम्बर को सुबह 10 बजे पचराहे से शांतिपूर्ण ढंग से कचहरी तक जाएगा। जहां पर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा जाएगा। मौलाना तारिक शम्सी ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले हिन्दू, मुसलमान, दलित व पिछड़े समाज के लोग शामिल होंगे। मौलाना वाजिद अशरफी ने कहा कि भारतीय संविधान में देश के हर नागरिक को समानता का अधिकार दिया गया है। कारी सरफराज आलम ने कहा कि संसद द्बारा पारित यह विधेयक संविधान की भावना और इसकी मूल संरचना का उल्लंघन करता है। वार्ता के दौरान मौलाना जरजीस अंसारी, हाफिज मो. अहमद चिश्ती, वसीम चौधरी, खादिम अब्बास, मौलाना वसीम कासमी, नवी मंसूरी, अय्यूब अली, संदीप भारतीय, अभिषेक आजाद, एसएम मुस्तकीम, इमरान अहमद आदि मौजूद रहे।
Report - Abhishek Saxena