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केजरीवाल ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली

दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अरविंद केजरीवाल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम ने मंत्री पद की शपथ ली, आपको बतादे केजरीवाल ने अपनी पिछली सरकार की कैबिनेट को बरकरार रखा है.
जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता दिया था. 
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे हुए हैं. इसके अलावा दिल्ली के सातों सांसदों, सभी निगम पार्षदों, बीजेपी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों को भी आमंत्रित किया गया था.
अरविंद केजरीवाल ने शपथ ग्रहण के बाद रामलीला मैदान में जुटे लोगों को संबोधित किया, उन्होंने भाषण की शुरुआत ''भारत माता की जय'' नारे के साथ की.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये उनकी जीत नहीं है, ये दिल्ली की जीत है, हर दिल्ली वाले की जीत है, हर मां, हर बहन की और दिल्ली के एक एक परिवार की जीत है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''पिछले पांच साल में हमारी कोशिश यही रही है कि दिल्ली का विकास तेज़ी से हो, आने वालों पांच सालों में और उसके आगे भी दिल्ली का विकास ऐसे ही होता रहेगा.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव में किसी ने उनकी पार्टी को वोट दिया हो या नहीं दिया हो, वो हर किसी के मुख्यमंत्री हैं. किसी पार्टी की पार्टी देखकर भेदभाव नहीं करता हूँ. 
अरविंद केजरीवाल ने कहा चुनाव के वक़्त जो बातें हुईं वो अब बीत गईं. हमारे विरोधियों ने जो कुछ हमारे बारे में कहा, हमने उन्हें माफ़ कर दिया. 
अब मैं सभी पार्टियों के साथ मिलकर, केंद्र सरकार के साथ मिलकर दिल्ली को आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहता हूँ.
अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव में नई राजनीति, विकास की राजनीति को वोट मिले हैं और वही सत्ता में आई है. अब देश में नई राजनीति की चर्चा है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शपथ ग्रहण के मंच पर उनकी ताक़त बैठी है. ये ताक़त है दिल्ली के टीचर, डॉक्टर, बस कंडक्टर, रेड़ी वाले, इन सारे लोगों से है. 
उन्होंने कहा कि नेता और पार्टियां तो आती जाती रहेंगी लेकिन दिल्ली के जिम्मेदार नागरिक ही असल में दिल्ली हैं.
8 फरवरी को हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीज़े 11 फरवरी को आए थे, जिसमें आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिली हैं और बीजेपी के खाते में 8 सीटें आईं. साल 2015 की तरह इस चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी का खाता नहीं खुला.
अरविंद केजरीवाल ने 2013 में कांग्रेस के समर्थन से 49 दिनों तक सत्ता में रहने के बाद इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद फ़रवरी 2015 में हुए चुनाव में 70 में 67 सीटें जीती थीं और तीन सीटें बीजेपी को मिलीं. कांग्रेस को एक भी सीट हाथ नहीं लगी. इस बार चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें हासिल की हैं.