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ठंड में कंबल पा खिल उठे जरूरतमंदों के चेहरे

 


  • नर सेवा ही नारायण सेवा है- डीआईओएस सतीश तिवारी
  • दुःख बॉटने से घटता है और सुख बॉटने से बढ़ता है -आर 0 के 0 सफ्फड
  • परदुःख कातरता एक ऐसा उच्च जीवनमूल्य है जो मनुष्य में दैवीय गुण का समावेश करता है - डा० अंगद सिंह

कानपुर 29 दिसम्बर । इण्डियन रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इण्टर कालेज , जवाहर नगर , कानपुर में कम्बल वितरण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ । 

मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक , कानपुर नगर सतीश कुमार तिवारी के करकमलों द्वारा निर्धन - वंचित वर्ग के 40 जरूरतमंद लोगों को कम्बल प्रदान किये गये । उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है , व्यक्ति सम्पूर्ण जीवन अपनी ही आवश्यकताओं की पूर्ति में संलग्न रहता है । बड़े भाग्य से व्यक्ति को जीवन में परोपकार के अवसर प्राप्त होते हैं । किसी के दुःख में सहभागी होना ऐसी मानवीय संवेदना प्रत्येक व्यक्ति में होनी चाहिए . यदि ऐसा हो सका तो अपने आस - पास कोई भी अभाव व कष्ट में नहीं जियेगा ।


इण्डियन रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव आर 0 के 0 सफ्फड ने कहा कि रेडक्रॉस सोसाइटी एक ऐसी संस्था है जो देश भर में पूरे वर्ष इस प्रकार के सामाजिक कार्यक्रम चलाकर अनेक प्रकार से मानव सेवा करती है । उसी श्रृंखला में यह एक छोटा सा प्रयास है । ध्यान देने योग्य है कि दुःख बॉटने से घटता है और सुख बॉटने से बढ़ता है यदि हम किसी का दुःख बाँट सके तो इसी में जीवन की सार्थकता है । इण्डियन रेडक्रॉस सोसाइटी के कोषाध्यक्ष डॉ 0 अंगद सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि परदुःख कातरता एक ऐसा उच्च जीवनमूल्य है जो मनुष्य में दैवीय गुण का समावेश करता है । यदि हम किसी के दुःख - कष्ट के क्षणों में उसके साथ खड़े हो सके तो निश्चय ही समझना चाहिए कि ईश्वर ने अपने जीवन को उन्नत बनाने का एक अवसर दिया है । व्यक्ति प्रायः अपनी व अपने परिवार की उदरपूर्ति हेतु ही लगा रहता है , उसका ध्यान उस व्यक्ति की ओर नहीं जाता जो उसी के आस - पास अभाव में अत्यन्त दैन्यतापूर्ण जीवन जी रहा होता है ।

रेडक्रॉस सोसाइटी जैसी सामाजिक संस्थाओं के द्वारा अभियान चलाकर उनके हितार्थ प्रयत्न किये जाते इस अवसर पर विद्यालय की प्रबन्ध निदेशक पूजा अवस्थी , प्रधानाचार्य राममिलन सिंह , उमा सक्सेना , कविता सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।

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