रिपोर्ट: शत्रुघ्न सिंह
- यूटीआईटीएसएल के केंद्रों पर भी बनेंगे कार्ड
- गोल्डन कार्ड बनवाने का शुल्क 30 रुपए तय
जालौन। जिले में आयुष्मान गोल्डन कार्ड के पात्र लाभार्थियों को एक और सहूलियत मिलने जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के फैसले के अनुसार अब कोई भी पात्र लाभार्थी अपना कार्ड यूटीआईटीएसएल के केंद्र पर भी बनवा सकता है। इसके लिए उसे निर्धारित शुल्क 30 रुपये देने होंगे।
योजना के जिलास्तरीय कार्यक्रम समन्वयक डॉ आशीष कुमार झा ने बताया कि अभी तक इस योजन के अंतर्गत पंजीकृत राजकीय व निजी चिकित्सलयों के अलावा जन सुविधा केंद्रों पर ही गोल्डनकार्ड बन रहे थे। पंजीकृत चिकित्सालयों में नियुक्त आयुष्मान मित्रों के जरिये लाभार्थी मरीजों का निशुल्क गोल्डनकार्ड जारी किया जाता है। वहीं जन सुविधा केंद्रों पर वीएलई के माध्यम से गोल्डन कार्ड बनाया जाता है। जहां लाभार्थी को प्रति कार्ड 30 रुपए का शुल्क का भुगतान करना होता है जो भारत सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क है।
उन्होंने बताया कि गोल्डन कार्ड बनाने के लिए अब एनएचए ने यूटीआई इंफ्रास्ट्रक्चर टैक्नोलॅजी एंड सर्विसेस लिमिटेड (यूटीआईटीएसएल) को भी अनुमति दे दी है। कोई भी पात्र लाभार्थी यूटीआईटीएसएल के केंद्र पर जाकर अपना गोल्डन कार्ड बनवा सकता है। इसके लिए 30 रुपए प्रति गोल्डन कार्ड निर्धारित है।
यूटीआईटीएसएल भी जन सुविधा केंद्रों के मॉडल पर कार्य करेगी। जिले में एक लाख से ज्यादा लाभार्थी परिवार
डीपीसी ने बताया कि जनपद में कुल 105042 लाभार्थी परिवारों में 5.25 लाख से भी अधिक गोल्डनकार्ड बनाये जाने हैं। इसमें 103682 लाभार्थी परिवार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में तथा 1360 लाभार्थी परिवार मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान में शामिल हैं। जनपद में अब तक 98509 लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं, जो कुल गोल्डन कार्ड का 19 प्रतिशत है। जबकि 37,466 परिवारों में कम से कम 1 गोल्डन कार्ड उपलब्ध करवा दिया गया है जो जनपद में कुल पात्र परिवारों का 35.7 प्रतिशत है।
योजना के अंतर्गत 6678 मरीजों का उपचार जनपद के पंजीकृत चिकित्सालयों के साथ जिले के बाहर विभिन्न निजी व राजकीय चिकित्सालयों में हुआ है। इसमें 6 करोड़ रुपए की राशि का उपयोग हुआ है। वर्तमान में जनपद के 14 अस्पताल योजना में पंजीकृत है। इसमें 10 राजकीय व चार निजी चिकित्सालय हैं। यूटीआईटीएसएल के मण्डलीय ब्रांच मैनेजर संजीव कुमार ने बताया कि प्रत्येक जिले में 2 से 5 केन्द्र बनाये जाने है जालौन जिले में भी 3 से 5 केन्द्र बनेगे जिनमें गोल्डन कार्ड बनवाये जा सकेगें केन्द्र जल्द ही कर दिये जायेगें।
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