कानपुर नगर।कानपुर के चिड़ियाघर में अचानक हुई दस पक्षियों की मौत ने सभी को चौका कर रख दिया। जांच में इन पक्षियों की मृत्यु का कारण बर्ड फ्लू निकला उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू जैसी बीमारी को अलर्ट किया गया था,,, लेकिन वायरस नही फैला था,,,
जिसकी पुष्टि के लिए पक्षियों के मृत शरीर से लिये गए सैम्पल को भोपाल की लैब में भेजा गया,,, जहां से दो दिन बाद आई रिपोर्ट ने सभी को सख्ते में डाल दिया,,, क्योंकि भोपाल लैब के अनुसार चिड़ियाघर में पक्षियों की मृत्यु बर्ड फ्लू जैसी घातक बीमारी से हुई थी,,, रिपोर्ट के आते ही न केवल कानपुर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया,,, बल्कि पूरे प्रदेश को इस बीमारी से बचने के लिए जागरूक किया जाना शुरू कर दिया गया है,,, जिसके चलते कानपुर सीएमओ द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि वैसे तो बर्ड फ्लू का वायरस पक्षी से पक्षी के शरीर मे आता है,,, लेकिन मांसाहारी व्यक्ति के शरीर मे अगर यह वायरस प्रवेश कर जाता है तो और भी घातक हो जाता है,,, जो एक इंसान से दूसरे व्यक्ति के शरीर मे प्रवेश करते हुए फैलता रहता है,,, जिसके बचाव के लिए सीएमओ ने कोविड 19 के नियमो का पालन किये जाने की सलाह दी है,,, जिनका कहना है कि मास्क का प्रयोग किया जाए,,, सेनेटाइजर का प्रयोग करें,,, दूरी बनाए रखें,,, साथ ही मांसाहारी लोग सावधानी बरतें,,, इस निर्देश के बाद बड़ा निर्णय लेते हुए कानपुर चिड़ियाघर को अग्रिम आदेश तक बन्द कर दिया गया है,,, क्योंकि उत्तर प्रदेश में कानपुर के चिड़ियाघर से बर्ड फ्लू की दस्तक जो फैली है,,,।
चिड़ियाघर के डिप्टी डायरेक्टर एके सिंह का कहना है कि पक्षियों के बालों में लगातार दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है और मॉनिटरिंग भी की जा रही है की इस को फैलने से रोका जा सके वही एके सिंह का कहना है कि पक्षियों को मारने की किसी प्रकार की कोई परमिशन नहीं दी गई है वाइल्ड लाइन के अधिकारियों द्वारा जब कोई बड़ा मामला होता है तब पक्षियों को मारा जाता है
कानपुर के मुख्य संरक्षक एके सिंह का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को अपने आसपास मरे हुए पक्षी दिखाई देते हैं तो उसकी सूचना अधिकारियों को दिए ताकि उसकी जांच कर या सुनिश्चित किया जाए कि कहीं उनके अंदर भी तो बर्ड फ्लू के सिम्टम्स नहीं पाए गए हैं
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