रिपोर्ट: मनोज सिंह
कानपुर देहात में एक मुफ़लिस गरीब परिवार का घर भगवान के कहने पर खाकी धारकों ने तोड़ दिया गरीब परिवार भगवान से तमाम मन्नत मुरादे करता रहा लेकिन भगवान को तरस नही आया भगवान ने गरीब परिवार की हर वो चीज़ तबाह बर्बाद कर दी जिससे उन्हें राहत मिलती थी लेकिन हम जिस भगवान की बात कर रहे है वो ऊपर वाला नही बल्कि पुलिस विभाग में तैनात भगवान सिंह है देखिए इस विशेष रिपोर्ट में
भगवान कुछ तो तरस खाओ...
गैरों पर सितम और अपनों पर करम जी हां हिंदी सिनेमा का यह गीत पुलिस विभाग पर सटीक बैठता है दरअसल उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में एक पुलिसकर्मी की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर वहां एक मकान बना दिया।
इसके बाद खुद को पुलिस विभाग में तैनात बताने वाला भगवान सिंह लखनऊ से कानपुर देहात पहुंचा और इस वक्त उसके साथ 1-2 पुलिस वाले नहीं बल्कि थाने की पूरी फोर्स ही मौजूद है अब के विभाग कब प्रेम दिखाते हुए पुलिसकर्मी मौके पर आए और एक परिवार को बाहर निकालने के बाद बुलडोजर से उस इमारत को गिरा दिया जिसे अवैध कब्जा बताया जा रहा था हालांकि नियंता यह है कि यदि किसी की जमीन पर कोई कब्जा होता है तो उसे खाली कराने के लिए राजस्व विभाग की टीम मौके पर आती है प्रार्थी पुलिस के सामने पेश होता है एसडीएम के आदेश होते हैं और फिर पुलिस महकमे की एक फीस जमा होती है जिसके बाद 1 दिन का वेतन देने के साथ ही पुलिसकर्मियों को मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात करा जाता है लेकिन जनाब यह तो अपने मां का प्रेम है जहां कोई आदेश नहीं कोई दलील नहीं कोई वकील नहीं बस फैसला ऑन द स्पॉट होता है। और हो भी क्यों ना जब खुद को पुलिसकर्मी बताने वाले का नाम ही भगवान सिंह है तो भगवान का फैसला गलत भी कैसे हो सकता है यह पूरा मामला अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत कस्बे का है जहां पुलिस की अपने विभाग के प्रति यह प्रेम कहानी दिखाई दी है भगवान सिंह ने बताया कि 1999 में उन्होंने यह जमीन खरीदी थी जिस पर अवैध कब्जा था और उन्होंने इस मामले की जब शिकायत की तो उन्हें बिना किसी दौड़ भाग किए ही महज पहली बार में ही न्याय मिल गया और एसडीएम ने आदेश किए और तत्काल पुलिस मौके पर पहुंच गई और निर्माण को गिरा भी दिया गया।
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