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सीतापुर में 72वां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2021 को पूरे हर्षो उल्लास एवं परम्परागत ढंग से मनाया गया ।


उत्तर प्रदेश जनपद सीतापुर में दिनांक 26 जनवरी 2021 को 72वां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2021 को पूरे हर्षो उल्लास एवं परम्परागत ढंग से मनाया गया। इस अवसर पर पूरे जनपद में विभिन्न कार्यक्रमों की धूम रही।

   जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने कलेक्ट्रेट प्रांगण में प्रातः 08.30 बजे ध्वजारोहण व राष्ट्रगान गायन एवं भारतीय गणतंत्र के संकल्प को दोहराया गया। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में जिलाधिकारी ने सभी जनपद वासियो को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमारा स्वतंत्रता संग्राम अन्य राष्ट्रों के स्वतंत्रता संग्राम से थोड़ा भिन्न था। हमने न केवल राजनैतिक स्वतंत्रता की आकांक्षा की अपितु सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन पर भी काफी ध्यान दिया है ।वही जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के निवासी होने कारण इसका एक उदाहरण जमींदारी विनाश है। स्वतंत्रता संग्राम जब चल रहा था उसी समय के हमारे रहनुमा का यह दृढ़ मत था कि ऐसी राजनैतिक स्वतंत्रता जिसमें सामाजिक कुरीतियों, आर्थिक विषमताओं पर कार्यवाही नहीं हो, उसका कोई मतलब नहीं है। एक शासक अगर बदले वही अगर दूसरा शासक आ जाए तो उससे आम जनमानस पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है इस सब का जो प्रतिफल है वह हमारे संविधान में दिखता है ।


आज प्रातः जब हमने ध्वजारोहण के बाद हम लोगों ने संविधान की प्रस्तावना को एक बार पुनः पढ़ा तो उसमें सामाजिक , आर्थिक न्याय और विचारों की अभिव्यक्ति की बात कही गयी है। यह हमारे गणतंत्र का मूल आधार है जिस पर गणतंत्र बना और आज तक संचालित हो रहा है। हमने न केवल राजनैतिक स्वतंत्रता की बात की अपितु सामाजिक कुरीतियों पर चाहे वह बाल विवाह हो, चाहे दहेज प्रथा का उन्मूलन हो, चाहे आर्थिक क्षेत्र में आय और संसाधनों की उचित प्रकार से वितरण की बात हो, चाहे गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी इन तमाम मुद्दों पर संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत हमने काफी कार्यवाही की और अनेकानेक क्षेत्रों में हमारा विकास अत्यधिक रहा। यद्यपि 72 वर्ष के बाद भी हम संतोष करने की स्थिति में नहीं हैं। एक लम्बा रास्ता हमने तय किया है और उससे अधिक लम्बा रास्ता तय करना अभी बाकी भी है। संविधान को अंगीकृत करने की जो वर्षगांठ है उसे मनाने का एक उद्देश्य यह भी है कि हम इस बात का स्मरण करें कि हमारे देश की व्यवस्था किसी व्यक्ति या संस्था के निर्देशों पर नहीं चलती, कानून और संविधान में जो बातें लिखी हैं उनके आधार पर चलता है।

हम सब ने सेवा में आने के बाद जो शपथ ली है वह संविधान के प्रति है और हमारा जो दायित्व है वह संविधान और संवैधानिक नियमो के अंतर्गत है। जो व्यवस्थायें चल रही है ।


यह एक बहुत बड़ा परिवर्तन हमारे राजनैतिक क्षेत्र में आया है। परम्परागत रूप से, ऐतिहासिक रूप से राजतंत्रों का शासन रहा है। राजा रजवाड़ों का यह देश रहा है। यद्यपि प्रजातंत्र के कुछ उदाहरण इतिहास में हैं, और वह बहुत कम हैं और यदा कदा हैं। हमने जब लोकतंत्र अपनाया तो जनता का शासन था और जनता के शासन के साथ साथ 1950 में हमने कानून के शासन की बात कही। न केवल जनता जो कहेगी वह पालन होगा, बल्कि जनता जो कानून के दायरे में कहेगी, कानून का पालन करते हुए कहेगी, उन संस्थाओं के माध्यम से जो जनतंत्र की मौलिक व्यवस्था के हिस्से हैं हमारी विधायिका है, हमारी न्यायपालिका है और हम, जो कि, कार्यपालिका हैं, इनके माध्यम से जनता की आवाज आती है जो कानून के रूप में, नियमों के रूप में प्रदर्शित होती है और हम सब कार्यपालिका के रूप में उन नियमों, अधिनियमों और संविधान की व्यवस्था को लागू करते हैं। पर इन सब का एकमात्र उद्देश्य जनकल्याण हैं। 

उन्होंने कलेक्ट्रेट के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वह जनता के कल्याण से सीधे जुड़े हैं। जो सामाजिक आर्थिक व्यवस्थाएं हैं उनके संचालन में हमारा बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने सभी की प्रेरित करते हुए कहा कि नियमों के अन्तर्गत रहते हुए ही प्रतिदिन कम से कम एक व्यक्ति की समस्या का निस्तारण अवश्य करें।

कार्यक्रम के दौरान अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) विनय कुमार पाठक, अपर जिलाधिकारी न्यायिक हरिशंकर लाल शुक्ला, डिप्टी कलेक्टर शिशिर, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष श्रीवास्तव ने भी सम्बोधित किया। विपिन चन्द्र वर्मा-श्याम जी व उनकी टीम द्वारा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये गए। कार्यक्रम के दौरान अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) विनय कुमार पाठक, अपर जिलाधिकारी न्यायिक हरिशंकर लाल शुक्ला, डिप्टी कलेक्टर शिशिर, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष श्रीवास्तव, अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा अरविन्द यादव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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