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अटरा कलां की गौशाला बनती जा रही गौवंशों की मौतशाला, फिर हुई एक की मौत


रिपोर्ट: शत्रुघ्न सिंह

- पिछले 1 महीने में एक दर्जन से ज्यादा गायों की मौत

उरई/जालौन। प्रदेश सरकार ने गायों की सेवा और उन्हें सुरक्षित रखने के उद्देश्य से गौशालाओं का निर्माण कराया। लेकिन यह गोशालाएं अब गौवंशों के लिए मौतशाला बन गई है। उचित देखरेख व अच्छे भोजन के अभाव में आए दिन भूखे मार रही हैं। 

अटराकलां गौशाला में गायों के मरने का सिलसिला जारी है। विकासखंड महेवा की ग्राम पंचायत अटराकलां में बनी गौशाला में पिछले कुछ दिनों से बीमार होने के कारण बुधवार को एक गाय की मौत हो गई। गोशाला में गायों के मरने की सूचना के बावजूद प्रशासन अब तक गायों की मौत का कारण स्पष्ट न कर पाया है। डॉक्टरों की टीम गोशाला में गायों की हालत की जानकारी लेने के लिए बराबर नजर बनाए नही है। चुर्खी थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम अटरा कलां में स्थित गौशाला में पिछले कुछ दिनों से गायों के मरने का सिलसिला जारी है। पिछले कुछ दिनों में गायों की मौत भूख के कारण या सूखा भूसा खाने से पेट मे गैस बनने से हुई है। गौशाला में ग्रामीणों ने बताया कि न तो गाय की देख रेख हो रही और न ही पेट भेटने के लिए भूसा। सूखा चारा खाने से पेट मे गैस बनने से बीमार हो गई थी। उसका इलाज भी चार दिनों से चल रहा था। लेकिन गाय को न बचाया जा सका। गौशाला में पिछले दो माह में दो दर्जन से अधिक गायों व उनकी बछियों की मौत हो चुकी है। लेकिन प्रशासन ने गायों को सुरक्षित रखने के अब तक कोई खास इंतजाम नहीं किया है। गौशाला के अंदर चारों तरफ खुला होने व गायों के मृत होने से फैली सड़ांध के कारण बीमारी फैल रही है। जिससे गायों की मौत हो रही है।

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