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प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी PCS अफ़सर आलोक सिंह की मंशा, अग्रसर भारत का सर्व प्रिय विभाग बने पुलिस विभाग

 


कानपुर नगर। व्यक्तित्व व्यक्ति के संपूर्ण व्यवहार की विशेषता है। जिसका प्रदर्शन उसके विचारों की आदत, व्यक्त करने के ढंग, अभिवृत्ति एवं रुचि, कार्य करने के ढंग और जीवन के प्रति उसके दार्शनिक विचारधारा के रूप में किया जाता है। कानपुर के सर्किल बाबूपुरवा में तैनात डिप्टी एसपी आलोक सिंह का प्रभावशाली व्यक्तित्व ऐसी परिभाषा को परिभाषित करता है।


राजस्थान के भरतपुर जनपद स्थित ग्राम अजउ के मूलनिवासी आलोक सिंह प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ही मेधावी छात्र रहे। तभी तो 8वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान, आयोजित हुई राजस्थान ग्रामीण प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में अपनी योग्यता और अपने कदमों की क़ामयाबी से तहसील में दूसरा व जिले में तीसरा स्थान प्राप्त करके अपने जन्मदाता का नाम रोशन किया और अपने हुनर और जुझारू ज़ज्बे का परिचय दिया। इस क़दम के बाद आगे की शिक्षा में हाईस्कूल की परीक्षा पास करते हुए उन्होंने स्कूल टॉप किया। इंटरमीडिएट के बाद बीएससी की पढ़ाई अजमेर में पूरी की।

अपने जन्मस्थान पर रहकर कड़ी मेहनत और लगन से आज डीएसपी बने आलोक सिंह ने जमीनी जुड़ाव, सामाजिक सरोकारिता, सेवा, पारदर्शिता, सदाचार, शिष्टता और निरंतरता से अपने आपको पारंगत किया।

इसी दौरान ग्रामीण छात्र संगठन का नेतृत्व करते हुए उन्होंने युवाओं में जागरूकता और उनके व्यक्तित्व विकास पर काफी कार्य किया। ग्रामीण इलाकों में मुहिम चलाकर लोगों की सोंच, मानसिकता, रहन -सहन का तरीका, व्यवहार आदि में बदलाव लाकर जागरुक करते हुए लोगों का मजबूत व्यक्तित्व बनाने की नींव डाली। क्योंकि मनुष्य का व्यक्तित्व उन सभी गुणों का एकीकृत रूप होता है जो किसी व्यक्ति की समाज के परिवेश में भूमिकाओं एवं स्थिति को अभिव्यक्त करता है।

आलोक सिंह ने छात्र जीवन में ही स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से समाज में सक्रिय भूमिका निभाई। कभी संगठन में ग्रुप लीडर के रूप में नेतृत्व किया तो कभी अपने अथक प्रयासों से लाइब्रेरी के माध्यम से अच्छी से अच्छी पुस्तकें, मैग्जीन आदि उपलब्ध करवाकर लोगों में जागरूकता व उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया।

 नेशनल सर्विस स्केम (NSS) ने बहुत कुछ सिखाया: डीएसपी

डिप्टी एसपी आलोक सिंह ने शुरुआती शिक्षा के दौरान स्वयंसेवी संस्था NSS (नेशनल सर्विस स्केम) के साथ जुड़कर बहुत कुछ सीखा। दरअसल स्वैच्छिक समुदाय सेवा के माध्यम से युवा छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र के विकास के उद्देश्य से संगठन NSS कार्य करता है। जिसमें मुख्य गतिविधियों वाले क्षेत्रों में शिक्षा और साक्षरता, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और पोषण, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सेवा कार्यक्रम, महिलाओं की स्थिति में सुधार, उत्पादन उन्मुख कार्यक्रम, आपदा राहत तथा पुनर्वास संबंधी कार्यक्रम, सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान, डिजिटल भारत, कौशल भारत, योग इत्यादि जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में जागरूकता लाना ध्येय होता है। आलोक सिंह के अनुसार उन्होंने इस संगठन के साथ जुड़कर बहुत कुछ सीखा जो आज भी काम आता है। 

सिंह के अनुसार सीखने की तीव्र इच्छाशक्ति मनुष्य की प्रगति के दरवाज़े खोलती है। हमारे समक्ष नये -नये अवसर लाती है। अपने आपको इंटेलीजेंट (योग्य) समझने का अहम हमें पीछे ले जाता है। विनम्रता मृदुभाषिता, सहजता, सरलता, लोचता व्यक्ति के व्यक्तित्व में चार चांद लगाते हैं। एक सफल इंसान बनने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को उपरोक्त बातें अपनानी चाहिए जोकि एन.एस.एस. सिखाता है। उन्होंने कहा कि हमारे हिसाब से हर व्यक्ति को NSS से अवश्य जुड़ना व सीखना चाहिए।

राजधानी दिल्ली के मुख़र्जी नगर के उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों से की सर्विस की तैयारी ...

राजस्थान में पढ़ाई पूरी करने के बाद मेधावी छात्र रहे आलोक सिंह राजधानी के मुख़र्जी नगर स्थित ए.एल.एस. और बाजीराव   जैसे नामी संस्थानों से सर्विस की  तैयारी की।

वर्ष 2013 बैच के PCS अफ़सर हैं, राजस्थान निवासी आलोक सिंह .....


आलोक सिंह वर्ष 2013 बैच के पीसीएस हैं। इस बैच में एकलौते आलोक सिंह ही अदर स्टेट (राजस्थान) से थे, बाकी पूरा बैच यूपी का था।


अलीगढ़ में बतौर CO पहली पोस्टिंग, बने थे सीओ इगलास, हिला दी थीं तेल माफियाओं की चूलें .....

ट्रेनिंग और अंडर ट्रेनिंग की अवधि के बाद आलोक सिंह की बतौर सीओ पहली पोस्टिंग अलीगढ़ में हुई। अलीगढ़ में उन्हें सीओ इगलास के पद पर तैनाती मिली।

इस दौरान इगलास में अपनी जड़ें जमा चुके दबंग तेल माफियाओं के गैंग पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए टैंकरों से तेल चोरी करने वाले गैंग का खात्मा किया। तेल माफियाओं की चूलें हिलाकर उनके मंसूबो को तार -तार करते हुए आलोक सिंह ने बतौर सीओ इगलास अपनी धाक जमाई।

बस्ती में पोस्टिंग के दौरान अटल अस्थि विसर्जन यात्रा में हुये नाव पलटने के हादसे में आलोक सिंह ने बहादुरी दिखाई और एसपी की जान बचाई।

बस्ती में ही कोर्ट के अंदर हुये अधिवक्ता हत्याकांड में कानून व्यवस्था को संभालते हुए सूझबूझ और सक्रियता के साथ महज 4 दिनों के अंदर केस के आरोपियों और उनके साथी रिश्तेदारों पर सख्त कार्यवाही करते हुए जेल भेजा।

महानगर कानपुर में 2019 में बने CO क्राइम, संभाला चार्ज ....

कानपुर महानगर में सीओ क्राइम रहते हुए अपनी सक्रियता दिखाई, 18 दिनों के लिए बतौर सीओ सीसामऊ रहने के बाद सीओ गोविंद नगर का चार्ज संभाला। 

डिप्टी एसपी आलोक सिंह को सशक्त नेतृत्व क्षमता के कारण जहाँ आवश्यकता पड़ी तैनात किया गया और उस तैनाती के सफल व बेहतर नतीजे भी उच्च अधिकारियों को मिले।


बाबूपुरवा दंगे में हुई 3 मौतों के बाद बिगड़े हालात, तब आलोक सिंह को सौंपी गई बाबूपुरवा सर्किल की कमान 

बाबूपुरवा दंगे में भड़की हिंसा और हुये उपद्रव के दौरान क्षेत्र का माहौल बिगड़ चुका था। हर जगह हो रहे उपद्रव और उपद्रवियों द्वारा की जाने वाली हरकतों से दिन पर दिन हालात बिगड़ते जा रहे थे। इस दंगे में 3 मौतें भी हुईं थीं। तब आलोक सिंह को सीओ बाबूपुरवा का चार्ज दिया गया। अपनी सामाजिक सरोकारिता, सूझबूझ और कुशल नेतृत्व क्षमता से क्षेत्र की स्थित संभालते हुए श्री सिंह ने क्षेत्रीय जनता को भयमुक्त माहौल दिया और दंगे में हुई तीन मौतों की विवेचना व पूरा केस अपनी निगरानी लेकर कार्यवाही आगे बढ़ाई।

विगत दिनों बाबूपुरवा स्थित तिकोनिया पार्क में शाहीन बाग की तर्ज़ पर चल रहे धरने को सीओ बाबूपुरवा आलोक सिंह ने 20 दिनों में अपनी सूझ -बूझ से ख़त्म कराया। जिसके लिए श्री सिंह को स्वतंत्रता दिवस पर डीजीपी महोदय ने सिल्वर डिस्क प्रदान किया। क्षेत्राधिकारी बाबूपुरवा के जमीनी जुड़ाव और सामाजिक सरोकारिता वाले स्वभाव ने क्षेत्र में लोगों के बीच एक अलग पहचान बनाई। या यूं कहें कि बतौर डिप्टी एसपी बाबूपुरवा सर्किल आलोक सिंह का अभी तक एक साल बेमिशाल रहा है।

साइबर अपराध पर कड़ी नज़र, यूथ को जागरुक करते हुए डिजिटल टीम बनाकर रोकेंगे अपराध

शहर में तैनात  PCS अफ़सर आलोक सिंह होने वाले साइबर अपराध पर सख्त हैं, उन्होंने ऐसे अपराधों को लेकर यूथ को जागरूक करने की मुहिम चलाई है। सोशलमीडिया के विभिन्न माध्यमों से यूथ को जोड़ना और उनमें सजगता व जागरूकता लाना इस मुहिम का हिस्सा है। स्कूलों, कालेजों में छात्रों व अभिभावकों को भी इस मुहिम से जोड़ा जा रहा है। इस डिजिटल टीम में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ते हुए उन्हें जागरुक किया जाएगा। मुहिम के माध्यम से साइबर अपराध रोकने का सफल प्रयास करना उनकी प्राथमिकता होगी।

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