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सबका साथ सबका विकास का नारा देकर देश के वादा खिलाफी की- वीरपाल दादी

 


रिपोर्ट: शत्रुघ्न सिंह

उरई/जालौन। सबका साथ सबका विकास का नारा देकर प्रदेश में सरकार बनाने वाली भाजपा ने जनता से वादा खिलाफी कर देश के गरीबों, किसानों, नौजवानों, दलितो पिछड़ों को धोखा दिया है। विशेषकर दलित और पिछड़े वर्ग के लोग अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। भाजपा सरकार के लोग सुनियोजित ढंग से पिछड़े वर्गों के अधिकार, नौकरी और आरक्षण पर लगातार अपरोक्ष हमला कर रहे हैं।

 पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के रोस्टर प्रणाली में बदलाव कर पिछड़े वर्गों के आरक्षण को समाप्त करने की साजिश हो रही है। उक्त बात एक अनौपचारिक वार्ता के दौरान समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव दादी ने कही कि पिछले चार वर्षों में भाजपा शासन में देश की शिक्षा संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेजों में आरक्षण में यूजीसी के रोस्टर के बदलाव करके आरक्षित पदों पर सामान्य वर्ग के लोगों को नौकरी दे दी गयी। पिछड़े व दलित वर्ग के लोग नौकरी पाने से वंचित रह गये। संवैधानिक संस्थाओं के प्रमुख पदों पर पिछड़ा वर्ग विरोधी विचारधारा वाले लोगों को नियुक्त करने से उनके भविष्य पर और खतरा उत्पन्न हो गया है। सरकारी शिक्षण संस्थानों के निजीकरण तथा शिक्षा को महंगा करने से गरीबों, पिछड़ों और दलितों को शिक्षा पाने से रोकने तथा इस महत्वपूर्ण व्यवस्था को पूंजीपतियों और मनुवादियों के हाथ में सौंपने की तैयारी है। पिछड़े वर्गों की सामाजिक सुरक्षा हेतु लागू समाजवादी सरकार में चलायी गयी। योजनाओं को भाजपा सरकार ने अवरुद्ध कर बहुत बडा नुकसान कर दिया है। पिछड़े वर्गों को भाजपा की इस साजिश को समझना होगा और इसका मुकाबला करने के लिए तैयार रहना होगा। देश में गरीबों, वंचितों, पिछड़े, दलितों को समय-समय पर उन्हें सम्मान देने, उनमें जागरूकता पैदा करने तथा उनके सामाजिक न्याय और विशेष अवसर के सिद्धांत को लागू करके उन्हें आगे बढाने का काम हमेशा समाजवादियों ने किया। श्री यादव ने कहा कि

डॉ. लोहिया के सिद्धांतों पर चलकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की सरकार में सदियों से उपेक्षित वंचित पिछड़े वर्गों को राजनीति में बैठाया और सरकार में उनको हिस्सेदारी देकर उन्हें सामाजिक व्यवस्था में स्थापित करने व देश की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया। मण्डल कमीशन की सिफारिशों को पूर्णरुप से सबसे पहले उत्तर प्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी ने लागू करके पिछड़े वर्गों को सरकारी नौकरियों शिक्षा तथा पंचायतों में 27% का आरक्षण देकर सामाजिक व्यवस्था में परिवर्तन का क्रांतिकारी कदम उठाया और पिछड़ो, दलितों की सामाजिक हैसियत को ऊंचाकर उन्हे आगे बढ़ाया। सरकारी समितियों की प्रबन्ध कमेटी में महिलाओं तथा पिछड़ों के लिए 33% पद आरक्षित करने का साहसिक कार्य मुलायम सिंह यादव द्वारा किया गया। पिछड़े वर्गों की सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं, बच्चों की छात्रवृत्ति फीस प्रतिपूर्ति, पिछडो की बेटियो के लिये शादी अनुदान, समाजवादी पेंशन, लोहिया आवास योजना, कन्या विद्याधन योजना, मुफ्त लैपटॉप वितरण, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त इलाज की योजनायें चलाकर पिछड़े वर्गों की आर्थिक व सामाजिक हैसियत मजबूत किया और उन्हें देश की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया। देश प्रदेश में पिछड़े वर्गों का सम्मान अखिलेश यादव के मजबूत नेतृत्व से होगा। उत्तर प्रदेश में शिक्षा से बंचित क्षेत्रों में असेवित ब्लॉक योजना चलाकर ग्रामीण क्षेत्रो में इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेज की स्थापना कराकर शिक्षाजगत में पिछड़े वर्गों को स्थापित किया।

 सदियों से पिछड़े और सत्ता तथा राजनीति से वंचित तथा चुनाव न जीतने की हैसियत रखने वाली जातियों जैसे विश्वकर्मा, प्रजापति नाई, चौरसिया, साहू, तेली, राजभर, चौहान, पाल, धीमर, कश्यप, बिंद आदि को विधान परिषद सदस्य, राज्यसभा सदस्य बनाकर तथा सरकार में मंत्री बनाकर अथवा मंत्री का दर्जा देकर इन्हें इन जातियों को सामाजिक सम्मान बढाया और उनकी राजनीतिक हैसियत बढ़ाई। भाजपा भ्रम फैलाकर पिछड़े वर्गों के आरक्षण को पिछड़े, अति पिछड़े और सर्वाधिक पिछड़े में बाँटने के नाम पर पिछड़ों को आपस में लड़ाना चाहती है और उनकी ताकत को कमजोर करके उनके आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही है। मण्डल कमीशन का संसद से लेकर सड़क तक विरोध करने वाली भाजपा है। पिछड़ों की शुरू से विरोध करने वाली भाजपा ऐसा भ्रम फैलाकर पिछड़ों की हितैषी बनने का ढोंग कर रही है। जबकि भाजपा पिछड़ों और दलितों की कभी हितैषी नहीं हो सकती। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नीति सभी पिछडी जातियों की गणना कराने और उन्हें उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण और अधिकार देने की है और ऐसा करके पिछड़े वर्गों को उनकी वास्तविक हिस्सेदारी देना चाहते हैं। पिछड़े वर्गों को इस अन्तर को समझना होगा। सपा पिछड़ी जातियों को आबादी के अनुपात में भागीदारी देना चाहती है और भाजपा पूर्व में लागू आरक्षण को बांटकर भागीदारी आधा करना चाहती है। ऐसा करके बडी संख्या में पिछड़ों को नौकरी शासन प्रशासन में आने से रोकना चाहती है। भाजपा का उद्देश्य पिछड़ों को आरक्षण देना नहीं बल्कि आरक्षण का बंटवारा कर पिछड़ी जातियों को आपस में लड़ाना उन्हें गुमराह करना तथा उनकी ताकत को कमजोर करना है।आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी पिछड़े वर्गों को भाजपा की साजिश का एकजुट होकर मुकाबला करना चाहिये। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी को मजबूत करके उनकी सरकार बनानी चाहिये ताकि सभी अपना अधिकार हिस्सेदारी व सम्मान लेने का काम कर सके। चुनाव में भाजपा को हटाकर ही संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की जा सकती है।

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