रिपोर्ट: शत्रुघ्न सिंह
- जिलाध्यक्ष की सुस्त कार्यशैली से नाराज समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेतागण
उरई/जालौन। समाजवादी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार पार्टी को मजबूत करने एवं चुनाव में अपने प्रत्याशियों को जिताने का प्रयास कर रहे है। लेकिन जालौन में इसका ठीक उल्टा समीकरण दिखाई दे रहा है। समाजवादी पार्टी ने जालौन में जिलाध्यक्ष की बागड़ोर जब से नवाब सिंह यादव के हाथ मे सौपी तभी से जालौन के कार्यकारणी में जिलाध्यक्ष व कार्यकर्ताओं में टकरार शुरू हो गया और समाजवादी पार्टी गुटों में बंट गई।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनपद जालौन को मजबूत करने को लेकर नवाब सिंह यादव को जिला अध्यक्ष बनाकर भरोसा जताया था। लेकिन नवाब सिंह यादव अपने मुखिया के भरोसे पर खरा नहीं उतर सके और जैसे ही नवाब सिंह यादव जिला अध्यक्ष जालौन की कुर्सी पर बैठे तो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में गुटबाजी शुरू हो गई। और इस गुटबाजी का असर समाजवादी पार्टी कार्यालय में होने वाले मासिक बैठक में साफ देखा जाता रहा है। जहां समाजवादी पार्टी की मासिक बैठक में सैकड़ों कार्यकर्ता एकत्र होते थे लेकिन जब से जिलाध्यक्ष की बागडोर नवाब सिंह को मिली तब से कुछ उनके चहेते चंद लोग ही समाजवादी पार्टी की बैठक एवं कार्यालय के इर्द-गिर्द नजर आते हैं। आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भले ही संगठन को कितना भी मजबूत बनाने की बात जिलाध्यक्ष करते हों, लेकिन पार्टी के कार्यक्रमों व बैठकों में उनके इन दावों की पोल खुल ही जाती है। पिछली कई बैठकों से पार्टी के कई पूर्व जिलाध्यक्ष व बरिष्ठ कार्यकर्ता लगातार नदारत रहे हैं। लंबे समय से पार्टी की बैठकों में शामिल न होने से अंदरखाने चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि वर्तमान संगठन से नाराजगी के चलते वह बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं। हालांकि अभी तक इस बारे में किसी भी पूर्व जिलाध्यक्ष ने खुलकर तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन पार्टी के अंदरखाने चल रही उठा पटक किसी न किसी रूप में बाहर जरुर आती जा रही है। इतना ही नहीं इसका असर आने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।
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