रिपोर्ट: शत्रुघ्न सिंह
जालौन। तंबाकू युक्त गुका एवं पान मसाला को प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद गुटका का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से तंबाकू मिश्रित गुटके की बिक्री जारी है। गुटका खाना और दूसरों को खिलाना अब फैशन बन गया है।
प्रतिबंधित तंबाकू युक्त पान मसाला व गुटका का कारोबार नगर में धड़ल्ले से चल रहा है। गुटके के इस कारोबार में बड़े थोक विक्रेता भी शामिल हैं। अधिकांश छोटे-बड़े किराना दुकान व पान की दुकानों पर आसानी से लोगों को तंबाकू युक्त गुटखा उपलब्ध है। पान की दुकानों में भी गुटखे की लड़ियां सजा के रखी जाती है। वहीं दूसरी ओर लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गुटखा एवं पान मसाला के निर्माण, भंडारण, वितरण, प्रदर्शन, खरीद-बिक्री और परिवहन पर 10 जून 2019 से ही प्रतिबंध घोषित है। हालांकि खुलेआम हो रही बिक्री को रोकने के लिए नगर में अभियान नहीं चलाया गया। जिसके कारण इस धंधे में लिप्त अवैध कारोबारियों के इरादे बुलंद है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक व्यवसायी ने बताया कि गुटखे की बिक्री प्रतिबंधित है। लेकिन क्षेत्र में तंबाकू मिश्रित गुटके की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। मुनाफाखोर अपनी जेब भरने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में मोहित, कुंदन, जोश, गणेश, ताजा, गौरी आदि तंबाकू युक्त पान मसालों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। जब इस संदर्भ में एसडीएम गुलाब सिंह ने बताया कि यदि शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। साथ ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी को बुलाकर दुकानों की चेकिंग कराई जाएगी। यदि दुकानों पर तंबाकू मिश्रित गुटका मिलता है तो कार्रवाई की जाएगी।
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