2017 से लेकर 2019 तक लगा चुना।kda को ढाई करोड़ का लगाया था चूना।
केडीए अधिकारियों की मिलीभगत से जनरेटर डीजल के तेल में हुआ खेल।
मंडला आयुक्त और उपाध्यक्ष ने खेल पर लिया एक्शन।
कानपुर नगर। कानपुर विकास प्राधिकरण में हुए दो करोड़ 57 लाख के जनरेटर डीजल घोटाले में आखिरकार 5 कर्मचारियों पर गाज गिर गई। 2 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया तो वही केडीए उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने विशेष सचिव आवास को पत्र लिखकर 3 जूनियर इंजीनियर को निलंबित करने की संस्तुति की है।
अब आपको कानपुर के विकास प्राधिकरण में हुए डीजल घोटाले से रूबरू कराते हैं। 2017 से लेकर 2019 तक कानपुर विकास प्राधिकरण में ना सिर्फ वीसी बदले बल्कि अधिकारी और कर्मचारी भी बदलते गए। इस दौरान वैश्विक महामारी भी आई। ऐसे में केडीए का डीजल पीने वाले जनरेटर लगातार केडीए को रोशन करते रहे। आखिरकार नतीजा यह निकला कि बीते सालों में केडीए के जनरेटर दो करोड़ 57 लाख का तेल पी गए। मौजूदा केयरटेकर और कर्मचारियों की मेहरबानी से यह पूरा खेल रचा गया था।
वही केडीए के कर्मचारी नेता बचाऊ सिंह kda को लग रहे इस चुने पर लगातार शासन और प्रशासन तक घोटाले की जानकारी साक्ष्यों के साथ मुहैया कराते रहे। आखिरकार कर्मचारी नेता की मेहनत रंग लाई और मंडल आयुक्त डॉ राजशेखर और उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने इस मामले पर बड़ा एक्शन लेते हुए नासिर जांच के आदेश दिए बल्कि निलंबन की कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है।
राकेश सिंह, उपाध्यक्ष, कानपुर विकास प्राधिकरण
घोटालेबाजो के विरुद्ध केडीए उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने बताया कि दो जांच कमेटी बनाई गई हैं। जो निर्धारित समय पर जांच कर रिपोर्ट सौपेंगी। आरोप सिद्ध होने के बाद दोषी अधिकारी और कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे बल्कि सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बचाऊ सिंह , कर्मचारी नेता, केडीए
डीजल घोटाले को उजागर करने वाले केडीए के कर्मचारी नेता बचाऊ सिंह ने बताया कि कानपुर विकास प्राधिकरण में एक नही बल्कि कई घोटाले उजागर होने वाले हैं। जो कार्रवाई हुई है उससे वाह संतुष्ट नहीं है। जब तक प्राधिकरण को हुए नुकसान की भरपाई नहीं की जाती तब तक वह घोटालों पर साक्ष्यों के साथ प्रहार करते रहेंगे। और अगर ऐसा नहीं होगा तो वह हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे।
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