ब्लैक फंगस से पैनिक होने की जरूरत नहीं, होम आइसोलेशन में ही हो सकता है इसका उपचार
नाक से या आंख से खून आए, आंख या नाक में जलन या फिर मुंह से खून आए तो अपनाएं होम्योपैथी दवाएं
पेट में सूजन के साथ पैरों में लड़खड़ाहट हो तो हो सकता है ब्लैक फंगस का सेकेंडरी इनफेक्शन
विभिन्न मरीजों में लक्षणों के आधार पर ब्लैक फंगस की हैं विभिन्न दवाएं
बीपी शुगर एवं गंभीर बीमारियों की दवाई खाने वाले रोगी बरते विशेष सतर्कता
ब्लैक फंगस में होम्योपैथिक दवाओं के हैं चमत्कारिक परिणाम
पेन किलर एंटीबायोटिक एवं स्टेरॉइड का अत्यधिक सेवन हो सकता है सेहत के लिए हानिकारक
कानपुर नगर। ग्वालटोली स्थित आरोग्यधाम होम्योपैथिक क्लीनिक में आज एक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें आरोग्य धाम के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ हेमंत मोहन एवं वरिष्ठ होम्योपैथिक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरती मोहन ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी लोगों को मयुकोमाईकोसिस जिसे ब्लैक फंगस भी कहा जा रहा है से घबराने की जरूरत नहीं है। इससे खतरा सिर्फ उन लोगों को ही है जोकि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं तथा उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अभी भी कमजोर है या फिर वे रोगी जिन्हें मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर या फिर किसी गंभीर रोग जैसे लिवर किडनी या हार्ट की गंभीर बीमारी से पीड़ित है एवं इम्यूनोसपरेसिव दवाई का सेवन कर रहे हैं। *डॉ हेमंत मोहन* ने ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को अपना ज्यादातर समय घर पर ही बिताना चाहिए तथा बाहर निकलने पर ज्यादा भीड़ भाड़ एवं धूल धक्कड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए जैसे कि कोई ऐसी जगह जहां पर किसी नई इमारत का निर्माण हो रहा है वहां पर धूल की संभावना ज्यादा होती है एवं आंखों में इस रोग के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर आरती मोहन ने बताया बाहर से आने पर तुरंत ही गुनगुने पानी से साबुन लगाकर स्नान करना चाहिए एवं सभी कपड़ों को डिटर्जेंट में भिगोकर रख देना चाहिए। बाहर से आने पर आंखों को स्वच्छ पानी से धोकर साफ कपड़े से पोछ लेना चाहिए। डॉ हेमंत मोहन ने बताया की इसके बावजूद भी अगर ब्लैक फंगस का संक्रमण हो जाता है तो बिल्कुल ना घबराए । अगर ऐसे व्यक्ति को नाक से या आंख से खून आना, आंख या नाक में जलन या फिर मुंह से खून आता है* तो होम्योपैथिक में लक्षणों पर आधारित कई ऐसी होम्योपैथी दवाएं हैं जोकि इसके असर को 3 से 5 दिन में पूरी तरह खत्म कर सकती है अतः संक्रमण हो जाने पर अपने आसपास किसी कुशल होम्योपैथिक चिकित्सक से बिना देर किए मिलना चाहिए क्योंकि होम्योपैथी में विभिन्न मरीजों के लिए ब्लैक फंगस की लक्षणों के आधार पर विभिन्न दवाएं दी जाती हैं जो कि चमत्कारिक रूप से कार्य करती हैं। यह जानकारी जनहित में डॉ हेमंत मोहन व डॉ आरती मोहन ने दी।
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