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मनुष्य की जीभ का स्वाद बढ़ाने की प्रवृति से हुआ जंक फूड का जन्म


स्वास्थ्य कल के लिए आज सुरक्षित भोजन..ज्योति बाबा 

कानपुर नगर। वर्ल्डवॉच की स्टडी के अनुसार भारत में फास्ट फूड उद्योग में हर साल 40% तक की बढ़ोतरी हो रही है भारत दुनिया के 10 शीर्ष फास्ट फूड खाने वाले देशों में शामिल होकर कुपोषण व अवसाद को बढ़ा रहा है क्योंकि जैसा खाए अन्न वैसा होगा मन परंपरागत भारतीय घरों में पकाया जाने वाला खाना उतना ही विविध है जितना कि भारत की संस्कृति लेकिन पश्चिमी संस्कृत के बढ़ते प्रभाव से खाद्यय् के सेवन में विशेष रुप से शहरी परिवारों के बीच बहुत बड़ा अंतर है।

 


उपरोक्त बात  सोसाइटी योग ज्योति इंडिया,उत्तर प्रदेश वैश्य व्यापारी महासभा,वंचित समाज अनुसूचित जाति कल्याण महासमिति व संत रविदास सेवा समिति के संयुक्त तत्वाधान में नशा हटाओ कोरोना  मिटाओ हरियाली लाओ फास्ट फूड कल्चर हटाओ अभियान के तहत वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे के अंतर्गत आयोजित ई -संगोष्ठी शीर्षक स्वस्थ शरीर ही स्वस्थ जीवन का आधार है पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,ज्योति बाबा ने कहा कि कोरोना से वे लोग सुरक्षित रहे हैं जिनकी दिनचर्या संयमित के साथ स्वस्थ पोषण करने वाली रही है ब्रिटेन में आंकड़ों के मुताबिक लोगों की मौत की बड़ी वजह उनका भोजन व धूम्रपान है जिससे उच्च रक्तचाप बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल वहां के लोगों के लिए गंभीर खतरा बन गया है।

 प्रदेश अध्यक्ष सत्यप्रकाश गुलहरे ने कहा की ग्लोबल वार्मिंग के कारण आने वाले समय में सबको खाद्य उपलब्ध कराना एक बड़ी गंभीर चुनौती बनने जा रही है सोशल एक्टिविस्ट रोहित कुमार ने कहा की आज की भागती दौड़ती जिंदगी में लोग सबसे ज्यादा अपने स्वास्थ्य को लेकर  अनभिज्ञ हैं जबकि स्वास्थ्य उनके पहले पायदान में होना चाहिए, रवी शंकर ने कहा कि मनुष्य की सहज प्रकृति है कि वह जैसा देखेगा वही करेगा इसीलिए यह भी समझें कि खाने की आदत पर खासतौर से बच्चों पर विज्ञापन का असर बहुत ज्यादा होता है संत रविदास सेवा समिति के डॉक्टर धीरेंद्र कुमार दोहरे ने कहा कि फास्ट फूड कल्चर से बच्चों को बचाने के लिए क्यूबा और कनाडा की तरह बच्चों के खाने के विज्ञापन पर रोक यहां पर भी लगनी चाहिए ।

 राष्ट्रीय संरक्षक डॉ आर पी भसीन  व डॉ रविंद्र नाथ चौरसिया निवर्तमान अध्यक्ष आईएमए ने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि दिन में अगर चार बार जंक  फुड  का इस्तेमाल किया जाए तो ना खाने वालों से 62% ज्यादा मौत का खतरा होता है इसीलिए भारतीय व्यंजनों को स्वस्थ जीवन के लिए अपनी थाली में स्थान दें l ई संगोष्ठी का संचालन उमेश शुक्ला व धन्यवाद शिक्षक दिलीप कुमार सैनी ने दिया ।

  अंत में सभी को इ- शपथ स्वस्थ भारतीय भोजन को खाने के लिए योग गुरु ज्योति बाबा ने दिलाई ।अन्य सभी वक्ताओं ने स्वस्थ जीवन के लिए भारतीय भोजन को सभी से अपनाने का आवाहन किया है ।


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