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अवैध शराब फैक्ट्री का हुआ भंडाफोड़


-अवैध शराब के लिए बोतल, ढक्कन, रेपर, QR कोड होते थे तैयार

-एसके इंटरप्राइजेज नाम से है बोतल व ढक्कन बनाने की कंपनी

-पुलिस कमिश्नरेट कानपुर की क्राइम ब्रांच को मिली बड़ी सफलता

-जनपद बरेली में था फैक्ट्री से खाली बोतल सप्लाई का एग्रीमेंट

-हरियाणा और पंजाब से आती थी शराब बनाने के लिए स्प्रिट

-उत्तर प्रदेश के करीब 20 जनपदों में हो रही थी सामान की सप्लाई

-प्रतिदिन बनाई जाती थी 16000 बोतलें जिसमें कागजो में मात्र 2000 बोतल

-प्रतिमाह प्रदेशभर में 4,00,000 बोतल अनाधिकृत रूप से होती थीं सप्लाई

-मौके से 50,000 ढक्कन, 5,000 QR कोड और लाखों खाली बोतलें बरामद

-1500 लीटर अवैध शराब सहित चार अभियुक्त मौके से गिरफ्तार

-देशी शराब के कई ब्रांड के रैपर व स्टीकर भी हुए बरामद


कानपुर नगर। देशी शराब की बोतलें बनाने के आड़ में अवैध और नकली शराब के धंधे का पुलिस कमिश्नरेट कानपुर की क्राइम ब्रांच ने भंडाफोड़ किया है। थाना पनकी क्षेत्र में चल रही फैक्ट्री से प्रदेश के करीब 20 जनपदों में नकली शराब के लिए बोतले, क्यूआरकोड व अन्य सामग्री मुहैया कराई जा रही थी। छापेमारी करके क्राइमब्रांच ने बड़ी मात्रा में देशी शराब की खाली बोतलें, ढक्कन और क्यूआर कोड के साथ ही 1500 लीटर अवैध शराब भी बरामद की है। करीब ढाई सालों से चल रहे इस धंघे में लिप्त चार अभियुक्तों को भी पुलिस ने धर दबोचा है।


यह चल रहा था खेल

पनकी में एसके इंटरप्राइजेज नाम से देशी शराब की पैकिंग जिसमें बोतल, ढक्कन, क्यूआर कोड बनाने की फैक्ट्री है। इन बोतलों में सुपीरियर नाम की देशी शराब पैक की जाती है। इसकी सप्लाई का एग्रीमेंट जनपद बरेली में प्रतिदिन 2000 बोतलों का है। यह फैक्ट्री EWS बर्रा-2 निवासी अनुज वर्मा उर्फ श्रीकांत वर्मा की है।


20 जिलों में थी सप्लाई

एसके इंटरप्राइजेज नाम की बाटल बनाने की कंपनी के माध्यम से प्रदेश के जिलों में पिछले ढाई वर्षों से अवैध देशी शराब की खाली बोतले, अवैध शराब सहित अन्य उपकरण सप्लाई कर रहे थे । अभियुक्तों द्वारा प्रतिदिन 16000 बोतल बनाई जाती थी। इसमे मात्र 2000 बोतल अधिकृत थीं। प्रतिमाह करीब 4,00,000 बोतल अनाधिकृत तरीके से प्रदेश में बेची जा रही थी।


200 (स्पिरिट)शराब को 600 लीटर बनाते थे 

बोतल के अतिरिक्त एथाइल एल्कोहल, बोतल के ढक्कन,रैपर, QR कोड आदि  काफी समय से सप्लाई किया जा रहा था । इनके द्वारा 200 लीटर इथाइल अल्कोहल ₹28000 ली जाती थी जिसमें लगभग क्रेता के द्वारा 3 गुना पानी मिलाकर उसे 600 लीटर बनाया जाता था। इस प्रकार प्रति 1 लीटर शराब की लगभग लागत कीमत ₹50 थी जिसको लगभग 5 क्ववार्टर (Quarter) बनाकर प्रति  क्ववार्टर  ₹110 कीमत पर बेचा करते थे।         

यह काम था इनके जिम्मे

मौके से गिरफ्तार हुए अभियुक्तों में से सभी का काम बंटा हुआ था। फैक्ट्री मालिक अनुज अवैध शराब और शराब सामग्री का ठेका लिया करता था। दूसरा अभियुक्त राजू गुप्ता लोडर से सप्लाई करने का काम करता था। मो0 जाकिर उर्फ गुल्लू दिल्ली से क्यूआर कोड लेकर आता था। मो0शान खाली बोतलों में नकली शराब भरने का काम करता था।

प्रदेश में यहां की जा रही थी सप्लाई

मैनपुरी,बलरामपुर,फर्रुखाबाद,हरदोई,बाराबंकी,आगरा,गोंडा,फतेहपुर,उन्नाव,मैनपुरी,अलीगढ, महोबा

 

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