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लोन दिलाने के नाम पर अमेरिकी लोगों से लाखों की ठगी

 


-पुलिस कमिश्नरेट कानपुर की क्राइम ब्रांच को मिली बड़ी सफलता

-नौबस्ता थाना क्षेत्र के एक घर में चलाया जा रहा था काल सेंटर

-पखवारे भीतर दूसरा अंतर्राष्ट्रीय काल सेंटर क्राइम ब्रांच ने पकड़ा

-वीओआइपी काल द्वारा अमेरिकी नागरिकों को फंसाया जा रहा था

-अमेरिका की लोन कंपनियों के नाम से बना रखे थे फार्म के फारमेट

-बिटक्वाइन के द्वारा अमेरिकी लोगों से लिया जा रहा था पेमेंट

-काकादेव के काल सेंटर की जांच में दूसरा मामला आया सामने

-गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार बाकी की तलाश में जुटी क्राइम ब्रांच

-बरामद लैपटाप में मिला 2 लाख अमेरिकी लोगों का डेटा

-बीते छह माह से चल रहे काल सेंटर से लाखों रुपये का हुआ लेनदेन

-अमेरिकन अंग्रेजी बोलने में माहिर हैं पकड़े गये दोनों अभियुक्त

-पेमेंट कराने में कुछ अमेरिकी एजेंट का नाम भी आया सामने

कानपुर: किसी को होम लोन तो किसी को पर्सनल लोन दिलाने के नाम पर अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय काल सेंटर को क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया है। नौबस्ता थाना क्षेत्र में बीते छह माह से चल रहे इस काल सेंटर से अब तक दर्जनों लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। क्राइम ब्रांच की टीम पकड़े गये अभियुक्तों से पूछताछ कर रही है। उनके पास से बरामद लैपटाप व हार्ड डिस्क से करीब दो लाख अमेरिकी नागरिकों का डेटा बरामद हुआ है।

गुरुवार देर रात करीब पौने तीन बजे क्राइम ब्रांच द्वारा नौबस्ता हंसपुरम के एक मकान में छापेमारी की गई। मकान के ग्राउंड फ्लोर में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय काल सेंटर को क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया। मौके से पकड़े गये दो अभियुक्तों की पहचान नौबस्ता हंसपुरम निवासी रवि शुक्ला और आवास विकास हंसपुरम नौबस्ता निवासी विशाल सिंह सेंगर के रूप में हुई है। 

आवास विकास हंसपुरम नौबस्ता में जिस मकान में यह अंतर्राष्ट्रीय काल सेंटर संचालित हो रहा था वह विकास के मामा का है। यहां से वीओआइपी(वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल) के द्वारा अमेरिकी नागरिकों को अमेरिकी कंपनी बनकर होम लोन व पर्सनल लोन कम ब्याज दर में देने का झांसा दिया जा रहा था। कई दर्जन अमेरिकी नागरिक इस झांसे में आ भी गये। 

अमेरिकी अंग्रेजी में बात करने में माहिर अभियुक्तों को चेजर कहा जाता है। यह चेजर लोगों से अमेरिकन लैंग्वेज में बात करते थे। जो इनके झांसे में आ गया उसे 200 डालर प्रोसेस फीस के रूप में ले लेते थे। इसके बाद उन्हें अमेरिकन कंपनियों के नाम पर तैयार फार्म  भेज देते थे। जब लोग विश्वास में आ जाते तब इनसे लोन की चार पांच किश्ते एक साथ जमा करने पर ईएमआई पर जीरो ब्याज का झांसा देकर 500-600 डालर एक साथ जमा करा लेते। 

यह सारी पेमेंट बिटक्वाइन के रूप में आती थी और इसे इंवेस्टमेंट एप के द्वारा खातों में सेव कर लिया जाता था। कई बार पेमेंट शापिंग कंपनियों  के गिफ्ट कार्ड के रूप में भी खरीद कर ली जाती थी। गिफ्ट कार्ड इन कैश करने के लिए इन कंपनियों में कुछ पैसे देकर लोगों को भी सेट किया गया था। जब अमेरिकन लोगों को अपने साथ हुए फ्राड की जानकारी मिलती थी तो वह पलट कर फोन करते थे, लेकिन तब उनका नंबर ब्लाक अभियुक्तों द्वारा ब्लाक किया जा चुका होता था।

 इन मदों में लेते थे पैसा

ठगी गैंग अमेरिकी लोगों से लोन प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 300 से 500 डालर, क्लोजिंग कास्ट के नाम पर लोन राशि का दो प्रतिशत, एडवांस रीपेमेंट के नाम पर 800 से 900 डालर, लोन के इंश्योरेंस के नाम पर फीस लेते थे। कई लोग जो सही रिस्पांस न देने पर काल करके लोन कैंसिल करवाते थे उनसे कैंसिलेशन के नाम पर फीस लेते थे।

ऐसे होता था पेमेंट

पेमेंट के लिए ठगी गैंग क्रिप्टोकरेंसी के कई एप का इस्तेमाल करके बिटक्वाइन के जरिये पैसे लेता था। इसके लिए क्रिप्टोकरेंसी के एप जिनमें क्वाइन स्विच एप, वजीर एक्स एप का इस्तेमाल हो रहा था। कई पेमेंट गिफ्ट कार्ड के रूप में भी लिए जाते थे। कुछ पेमेंट एकाउंट से वाया ट्रांसफर से भी लिया जाता था। नोएडा में बैठा एक और व्यक्ति इन सारे एप से आया पैसा इनके खाते में इन कैश करता था।

यह था काल करने का तरीका

अमेरिकी नागरिकों को काल करने के लिए वीओआइपी(वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल) का प्रयोग किया जाता था। इसके लिए टेक्स्ट नाऊ सोनोटेल का प्रयोग किया जाता था। साथ ही साफ्ट फोन डायलर का भी प्रयोग करते थे इसके दो एप थे जिसका इस्तेमाल किया करते थे पहला था एक्सटेन और दूसरा एक्सलाइफ एप था। इसके माध्यम से फोन करके बात की जाती थी।

काकादेव वाले काल सेंटर की जांच में सामने आया 

नौबस्ता में चल रहा अंतर्राष्ट्रीय काल सेंटर काकादेव में पकड़े गये काल सेंटर की जांच के दौरान सामने आया। जानकारी होते ही क्राइम ब्रांच ने त्वरित कारवाई करते हुए नौबस्ता क्षेत्र में कारवाई कर दी। पकड़े गये अभियुक्तों के पास से 5 हार्ड डिस्क, 1 लैपटाप, 2 मोबाइल बरामद हुए। लैपटाप में दो लाख विदेशी लोगों का डाटा मिला है। साथ ही कई अमेरिकी लोन देने वाली कंपनियों  के फार्म फारमेट भी सेव मिले हैं।

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