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पर्चे पर नॉन मेडिकल लीगो लिखा होने से कुछ नहीं होता- दिनकर सबनिस


- मरीजों के अस्पतालों न भर्ती करने का मामला उठा- मरीज के परिजनों को लिखित शिकायत करनी होगी

- राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने बताये ग्राहकों के अधिकार- अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की बैठक में चर्चा

- महिला ग्राहकों को जागरूक करेगी ग्राहक पंचायत 


कानपुर नगर। अस्पतालों में सीजीएचएस और मेडिकल इंश्योरेंस कार्ड धारकों को भर्ती न करने के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनिस ने कहा कि बीमार और उनके तीमारदारों को आपात स्थिति में परेशान करना न्यायोचित नहीं है। ऐसे प्रकरणों को ग्राहक पंचायत के सदस्यों के संज्ञान में लाकर जिले के कमिश्नर-जिलाधिकारी और सीएमओ को लिखित शिकायत करके अवगत कराना चाहिए। इसके बाद शिकायत को सीएम और पीएमओ पोर्टल पर भी भेजना चाहिए। ऐसे गंभीर मामले पर उचित कार्रवाई अधिकारियों के द्वारा निश्चित ही की जाएगी और ऐसा व्यवहार करने वाले अस्पतालों का लाइसेंस तक जब्त हो सकते हैं। फूलबाग के बाल भवन में आयोजित अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की बैठक में एक और बात सामने आई कि अक्सर डॉक्टर अपनी फीस को कैश में लेते हैं और कोई रसीद नहीं देते। इतना ही नहीं, जिस पर्चे पर दवाएं लिखकर देते हैं, उस पर भी नीचे लिखा होता है कि यह पर्चा मेडिकल लीगो प्रकरण के लिए मान्य नहीं है। इस पर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनिस ने कहा कि किसी डॉक्टर के लिख देने भर से वो कानून के दायरे से बाहर नहीं हो जाता। देश के हर नागरिक के लिए बराबर कानून है, फिर चाहे डॉक्टर हो या मरीज, दोनों पर यह समान रूप से लागू होता है। अगर मरीज इलाज से संतुष्ट नहीं है, तो ऐसे पर्चे को लेकर उपभोक्ता कोर्ट में वाद दायर किया जा सकता है। इंदौर के एक मामले का जिक्र करते हुए संगठन मंत्री दिनकर सबनिस ने बताया कि बढ़ते बिजली के बिलों को लेकर लोग बेहद परेशान रहते थे। अधिक बिल आने से परेशान एक उपभोक्ता ने पिछले छह महीनों के बिलों को ध्यान से देखा और पाया कि हर महीने की 10-15 तारीख को मीटर रीडिंग होती है, जब तक पिछले महीने की यूनिट 110-125 के बीच पहुंच जाती हैं। चूंकि, नियमानुसार जब बिल 100 यूनिट से ज्यादा हो जाता है, तो उसका स्लैब रेट बढ़ जाता है। परेशान होकर वो सारे बिजली के बिलों को लेकर ग्राहक पंचायत परामर्श केंद्र पहुंचे और अपनी समस्या बताई। केंद्र के कार्यकर्ताओं ने उनके बिलों का अध्ययन किया और यही पाया कि हर बार मीटर रीडिंग उस महीने की आखिरी तारीख को होती ही नहीं। जब अगले महीने होती है तब तक उनकी उपयोग की गई यूनिट 0-100 यूनिट के स्लैब के बाहर हो जाती हैं। ऐसे में ग्राहक पंचायत ने बिजली विभाग के अधिकारियों को प्रकरण से अवगत कराया और मामले का हल निकाल आया। विभाग के अधिकारियों के कहा कि उपभोक्ता अपने मीटर रीडर खुद बन जाएं और हर महीने की 1 तारीख को विभाग के ऐप पर अपनी उपयोग की गई मीटर रीडिंग को अपलोड कर दें। उनका बिल एसएमएस से उन्हें तुरंत मिल जाएगा। इससे उनका बिल 0-100 यूनिट के स्लैब में ही आंकलन होगा।नए उपभोक्ता एक्ट के बारे में बताते हुए राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनिस ने कहा कि नये  कानून में उपभोक्ताओं को काफी अधिकार दिये गये हैं। इस बात को सुनिश्चित किया गया है कि उपभोक्ता को तय समय में न्याय मिले और उपभोक्ता फॉरम के अधिकार भी बढ़ाए गए हैं, ताकि त्वरित न्याय मिल सके। अब जरुरत इस बात की है कि सभी उपभोक्ता अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हों और अपने हक के लिए मुखर होकर अपनी आवाज उठाएं। ये उपभोक्ताओं की जिम्मेदारी है कि वो जहां से भी सामान लें, उसका बिल जरुर लें। ताकि, कोई उनसे धोखाधड़ी व अतिरिक्त मूल्य न वसूल सके। उन्होंने कहा कि आमतौर पर घर की महिलाएं ही अधिकांश खरीददारी करती हैं, ऐसे में उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जागरुक करना सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि ग्राहक पंचायत किसी व्यापारी के खिलाफ नहीं, बल्कि यह संगठन ईमानदार व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए कार्य कर रहा है। 

मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर लोगों को सचेत करते हुए अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रांत संगठन मंत्री हरिभाऊ खांडेकर ने कहा कि यह जागरुक जनता का कर्तव्य है कि वह अपनी सेहत के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ न होने दे और अगर कोई कर रहा है, तो उसके खिलाफ तुरंत आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं की मदद और अधिकारों की जानकारी देने के लिए संगठन मोहल्ला स्तर पर इकाइयों का गठन तेजी से कर रहा है। इसके जरिये उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने में मदद मिलेगी।बैठक में यह भी तय किया गया कि जल्द ही ग्राहक पंचायत की इकाइयां  उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाएंगी। बैठक में एडवोकेट महावीर शर्मा, विभोर द्विवेदी (जिला संयोजक), एडवोकेट सुशील कश्यप, एडवोकेट सचिन शुक्ला, धर्मेंद्र कुमार, नीलम अग्निहोत्री, डॉ श्रीनारायण कोष्टा, शंकर दयाल दुबे, निमिषा त्रिपाठी, महेंद्र भट्ट, गौरव बाजपेई, सचिन शुक्ला, आनंद गुप्ता, चेतन त्रिवेदी आदि लोग मौजूद रहे।

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