पुरानें समय की कहावत है...
आगे आप मानो या न मानो.!
चैते गुड़, वैसाखे तेल।
जेठ के पंथ¹, अषाढ़े बेल।।
सावन साग, भादौ दही²।
कुवांर करेला, कार्तिक मही³।।
अगहन जीरा, पूसै धना।
माघे मिश्री, फागुन चना।।
जो कोई इतने परिहरै,
ता घर बैद पैर नहीं धरै।।
चैत्र माह में नया गुड़ न खाएं
(15 March से 15 April तक)
बैसाख माह में नया तेल न लगाएं
(16 April से 15 May तक)
जेठ माह में दोपहर में नहीं चलना चाहिए
(16 May से 15 June तक)
अषाढ़ माह में पका बेल न खाएं
(16 June से 15 July)
सावन माह में साग न खाएं
(16 July से 15 Aug)
भादों माह में दही न खाएं
(16 Aug से 15 September तक)
क्वार माह में करेला न खाएं
(16 Sept से 15 Oct तक)
कार्तिक माह में जमीन पर न सोएं
(16 Oct से 15 Nov तक)
अगहन माह में जीरा न खाएं
(16 Nov से 15 Dec तक)
पूस माह में धनिया न खाएं
(16 Dec से 15 Jan तक)
माघ माह में मिश्री न खाएं
(16 Jan से 15 Feb तक)
फागुन माह में चना न खाएं
(16 Feb से 14 March तक)
आयुर्वेदामृत
साभार: एम एस पोरवाल
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