नाखूनों से रोगों की जानकारी |
जानिये अद्भुत विज्ञान.!
हाथ और पैर में नाख़ून सिर्फ हाथ पैर की खूबसूरती नहीं बढ़ाते बल्कि शरीर में होने वाले रोग की भी जानकारी देते हैं।
प्राचीन समय में जब बीमारी की जांच के लिए कोई सुविधा नहीं होती थी, तब हकीम और वैद्य सबसे पहले हाथ के नाखूनों के रंगों को देखकर बीमारी के बारे में बताते थे।
नाखूनों से जुड़े चिकित्सा विज्ञान का इतिहास काफी पुराना है..
आयुर्वेद और होमियोपैथी में आज भी विशेषज्ञ स्वास्थ्य की जांच के समय नाखूनों के रंग को देखते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब किसी इंसान को कोई बीमारी होती है तो उसके नाख़ून का रंग भी बदल जाता है।
नाख़ून के रंग बदलने से कौन कौन सी बीमारियाँ हो सकती है, आइये जाने :
(1). भंगुर नाख़ून:
अगर आपके नाख़ून आसानी से टूटे तो इसका मतलब आपको थायराइड की समस्या है या हो सकती है। नाख़ून में दरार पड़ना चरम रोग की निशानी होती है।
(2). सफ़ेद लाईन नाख़ून:
नाख़ून में सफ़ेद लाइन किडनी की बिमारी और न्यूट्रीशन, प्रोटीन की कमी से लीवर संबधित रोग का संकेत देती है।
(3). आड़ी लाईन :
नाख़ून पर सीधी खड़ी लाईन मेलानोमा या स्किन केंसर का संकेत देता है।
(4). सीधी खड़ी लाईन:
नाख़ून पर सीधी खड़ी लाईन मेलानोमा या स्किन केंसर का संकेत देता है।
(5). पीले नाखून :
फंगल इन्फेक्शन के कारण पूरा नाखून ही पीला हो जाता है।
फंगस नाख़ून के तले, मैट्रिक्स या प्लेट को इन्फेक्ट करता है।
हाथ और पैर के नाख़ून हल्के पीले रंग के और कमजोर नाखून अनीमिया, हृदय संबंधी परेशानी, कुपोषण व लिवर रोगों होने की सम्भावना होती है।
फंगल संक्रमण के कारण नाखूनों में दर्द, बेचैनी और सौन्दर्य सम्बंधित चिंताओं के अलावा रोज़ाना की ज़िन्दगी पर भी असर पड़ सकता है।
कई बार पीलिया, थाइरॉएड, मधुमेह और सिरोसिस में भी ऐसा हो जाता है।
नाखून पीले व मोटे हैं और धीमी गति से बढ़ रहे हैं तो यह फेफड़े संबंधी रोगों का संकेत हो सकता है।
(6). सफेद नाखून :
नाखूनों पर सफेद धब्बे नजर आये या पूरे सफेद दिखाई देता हैं तो लिवर रोगों के अलावा हृदय व आंत के रोग हो सकती है।
(7). उभरे हुए नाखून:
यदि नाख़ून बाहर और आसपास की त्वचा का उभरा हो तो हृदय समस्याओं के अतिरिक्त फेफड़े व आंतों में सूजन हो सकती है।
(8). अंदर मुड़े नाख़ून
अंदर की तरफ मुड़े हुए नाख़ून ल्यूकेमिया, ब्लड, और आयरन की कमी होने का संकेत देता है।
(9). चम्मच की तरह नाखून:
खून की कमी के अलावा आनुवंशिक रोग, ट्रॉमा की स्थिति में भी नाखूनों का आकार चम्मच की तरह हो जाता है और नाखून बाहर की ओर मुड़ जाते हैं।
(10). नाख़ून के आसपास शुष्क चमड़ी:
नाख़ून के आसपास की चमड़ी शुष्क होना शरीर में पानी की कमी का संकेत देता हैं।
(11). नीले नाखून :
शरीर में ऑक्सीजन का संचार ठीक प्रकार से न होने पर नाखूनों का रंग नीला होने लगता है साँस और ह्रदय से जुड़ी बीमारियां, फेफड़ों में संक्रमण, निमोनिया या दिल के रोगों की ओर भी संकेत करता है।
(12). आधे सफेद और आधे गुलाबी नाखून:
नाखूनों का रंग अचानक आधा गुलाबी व आधा सफेद दिखाई दे तो गुर्दे के रोग व सिरोसिस की समस्या हो सकती है।
(13). लाल व जामुनी रंग:
नाखूनों का गहरा लाल रंग हाई ब्लड प्रेशर का संकेत देता है, जबकि जामुनी रंग के नाखून लो ब्लड प्रेशर का संकेत देते हैं।।
साभार:आयुर्वेदिक,उपचार,समूह, (एम एस पोरवाल)
0 टिप्पणियाँ