व्यूरो रिपोर्ट-नैमिष शुक्ल
उत्तर प्रदेश जनपद सीतापुर विकास खंड सकरन में एक बहुत अजीबो गरीब मामला सामने आ रहा है जहां ग्रामीणों के लिये स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत बनवाये गये सामुदायिक शौचालय में किराने की दुकान का संचालन किया जा रहा है ।
आप को बता दें कि सीतापुर जिले के सकरन विकास खंड में सरकारी धन का दुरूपयोग किस तरह से प्रधान व पंचायत सचिव द्वारा किया गया है जिसका आप अंदाजा भी नही लगा सकते है ग्राम पंचायत तारपारा में वर्ष 2020-21 में सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत बनने के लिये आये सामुदायिक शौचालय को तत्कालीन प्रधान इस्लामुद्दीन गौरी व पंचायत सचिव रविशंकर द्वारा ग्राम समाज की जमीन पर न बनवाकर गांव निवासी मोहनलाल पुत्र धनी की जमीन पर बनवाकर निर्माण पूर्ण दिखाकर पांच लाख सत्तर हजार रूपये निकाल लिये गये जब कि न तो शौचालय में फर्स लगी है और न ही टैंक व सीटे है शौचालय का पूर्ण रूप से निर्माण तक नही हुआ ग्रामीणों के उपयोग के लिये अर्ध निर्मित उस शौचालय में तेजराम ने अपनी किराने की दुकान खोल रखी है तथा जो अन्य वॉसरूम व स्नान घर बनाये गये है उनको दुकानदार द्वारा गोदाम के रूप में प्रयोग किया जा रहा है |
इस सम्बन्ध में जब शौचालय में दुकान चलाने वाले तेजराम से बात की गयी तो उसने बताया कि प्रधान व पंचायत सचिव द्वारा हमारे पिता मोहनलाल से यह कह कर जमीन लगवायी गयी थी कि तुम्हारे घर के एक सदस्य को नौकरी मिल जायेगी उसके बाद न ही नौकरी मिली और न ही जमीन का पैसा दिया गया तब हमने शौचालय में किराने की दुकान खोल ली ।
इस सम्बन्ध में जब पंचायत सचिव रविशंकर से बात की गयी तो उन्होने बताया कि दुकानदार को शौचालय से दुकान हटाये जाने की नोटिस भेजी गयी है अगर दुकान नही हटती है तो उस पर मुकदमा दर्ज कराया जायेगा ।
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