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भारत का छठवां और उत्तर प्रदेश का दूसरा तितली पार्क बना कानपुर प्राणी उद्यान, जानिए क्या है खासियत

 


कानपुर प्राणी उद्यान का तितली पार्क आज से शुरू।

वन मंत्री ने कानपुर जू को दी कई सौगातें।

257 लाख की लागत से शुरू हुआ कानपुर प्राणी उद्यान का तितली पार्क।

कानपुर नगर। आज से कानपुर प्राणी उद्यान में भारत का छठवां और उत्तर प्रदेश का दूसरा तितली पार्क जनता के लिए तैयार है। कानपुर वासी आज से इस मनमोहक दृश्य का लाभ उठा सकेंगे। बचपन में हम अपने आसपास पेड़ों पर रंग बिरंगी तितलियों को मंडराते देखते थे और उनकी मनमोहक रूप रंग को देखकर उनके साथ खेलते थे परंतु आज के आधुनिक परिदृश्य में पेड़ पौधों के गायब होने और प्रदूषण के कारण यह जाति विलुप्त होती नजर आ रही है।


भारत के मुंबई, दिल्ली, गोवा, बेंगलुरु, केरल के बाद उत्तर प्रदेश में लखनऊ के बाद कानपुर की जनता को भी इसका आनंद प्राप्त हो सकेगा।


कानपुर के एलेन फॉरेस्ट में उत्तर प्रदेश के वन पर्यावरण एवं जलवायु मंत्री दारा सिंह चौहान ने तेंदुए बाड़े का शिलान्यास किया और तितली पार्क का उद्घाटन किया। 257 लाख की लागत से तैयार किए गए तितली पार्क को अब दर्शकों के लिए खोल दिया गया है। वही हर वर्ष की तरह इस बार भी वन्य जीव संरक्षण सप्ताह का पूरे प्रदेश भर में आयोजन किया जा रहा है जिसकी आज से शुरुआत की गई। वहीं समापन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में किया जाएगा। मंत्री दारा सिंह चौहान ने बजट पर बताया कि प्राणी उद्यानों को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयासरत है तो वहीं लोग भी जानवरों को गोद लेकर आर्थिक स्थिति में सहयोग कर रहे हैं। लोगों से या अपील करेंगे कि वह जानवरों को और पेड़-पौधों को बचाने वा बढ़-चढ़कर गोद ले जिससे प्राकृतिक को सुरक्षित किया जा सके।

बाईट- दारा सिंह चौहान, वन मंत्री


भारत में तितलियों के प्रमुख पार्क:-

बढ़ते प्रदूषण, पेड़ पौधों के कटाव एवं कीटनाशक दवाओं के उपयोग के कारण तितली की बहुत सी प्रजातियां विलुप्त होती नजर आ रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा भारत के मुंबई, दिल्ली, गोवा, बेंगलुरु, केरल सहित उत्तर प्रदेश के दो शहरों लखनऊ और कानपुर में तितली पार्क का निर्माण किया।

बेंगलूरु, तितली पार्

बन्नेरघाटा तितली पार्क भारत का सबसे पहला तितली पार्क है और बेंगलूरु के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक। जो हो जो 2007 में बनाया गया था आज का प्रमुख कार्य तितलियों पर रिचार्ज करने के साथ उनका संरक्षण एवं प्रजनन कराना है।

ठाणे,ओवालेकर वाड़ी तितली बाग 

यह भारत का महत्वपूर्ण तितली फर्क है जो खेतिहर भूमि को बदल कर ही बनाया गया है जिस कारण यहां की तितलियां प्राकृतिक है, यहां की तितलियों की नस्ल कृतिम नहीं है। यहां पर तितलियों की लगभग 70 प्रजातियां हैं जो उन्मुक्त घूमती हैं और आप उनके साथ मजा ले सकते हैं।

शिमला,तितली पार्क

यह भारत दूसरा सबसे प्रसिद्ध तितली पार्क है। जो शिमला में स्थित है। बन्नेरघाटा तितली पार्क के ही तर्ज़ पर बने इस तितली पार्क के मॉडल का मुख्य फोकस है, इन उड़ने वाले रत्नों का संरक्षण करना।

पोंडा,बटरफ्लाइ कन्सर्वेटरी

यह पाक अन्य पार्को से सबसे अलग है जहां पर लगभग तितलियों की 133 प्रजातियां पाई जाती हैं। यहां के मनमोहक दृश्य का लाभ उठाना ना भूले।



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