छठ पूजा पर्व उत्तर भारत ही नहीं लगभग पूरे भारत और नेपाल में धूमधाम से मनाया जाता है यह पूजा भगवान सूर्य और छठी मैया को समर्पित तीन दिवसीय त्योहार होता है, महिलाएं 36 घंटे का व्रत रखकर पति और पुत्र की लंबी आयु और सुख शांति की कामनाएं करती है।
महिलाएं शाम ढलते सूर्य और सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ती है और पूजा समाप्त करती, यह त्योहार दिवाली के छठे दिन के बाद और कार्तिक महीने में छठे दिन शुरू होता है, आपको बतादे कानपुर के पनकी नहर घाट पर भी छठ पूजा बड़े धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है यहाँ लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और पूजा अर्चना करते हैं श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा भारी संख्या में महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
आज उषा अर्घ्य का समय सुबह 6 बजकर 41 मिनट था. उषा अर्घ्य यानी आज के दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगलते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. ये अर्घ्य सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है. मान्यता है कि विधि विधान से पूजा करने और अर्घ्य देने से सभी तरह की मनो कामना पूरी होती है.
इसके बाद व्रती एक दूसरे को प्रसाद देकर बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हैं. आशीर्वाद लेने के बाद व्रती अपने घर आकर अदरक और पानी से अपना 36 घंटे का कठोर व्रत को खोलते हैं. व्रत खोलने के बाद स्वादिष्ट पकवान आदि खाए जाते हैं और इस तरह पावन व्रत का समापन होता है.
बाइट : श्रद्धालु
बाइट : श्रद्धालु
बाइट : मेयर प्रमिला पाण्डेय
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