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'राजनीति नहीं, 'राजनीति नहीं, सेवानीति के वायदे पर राज्यव्यापी क्रांति की शुरुआत के वायदे पर राज्यव्यापी क्रांति की शुरुआत


कानपुर नगर । उत्तर प्रदेश के पुरातन वैभव को पुनस्थापित करने वाला आन्दोलन जो 'न जातिनीति, न धर्मनीति, सिर्फ ईमानदारी के साथ सेवानीति के नारे पर आधारित है। राष्ट्रीय व्यवस्था परिवर्तन पार्टी के रूप में उभर रहा है।बहुत हो चुका कहना है आर.वी.पी.पी का संस्थापक अध्यक्ष गया प्रसाद कफन धारी का सरकार में सत्यनिष्ठ लोगों की सही स्थान मिलना चाहिए ताकि उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश' बन सक" आर.वी.पी.पी इस बात का कड़ा विरोध करती है कि सरकार के उच्चतम कार्यालयों में भ्रष्टाचार, अनदेखी और स्वार्थी अजेंडा ने हमारे एक बार वैभवशाली रहे उत्तर प्रदेश को देश के सबसे पिछड़े और वि.मा.रू (बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा) राज्यों में से एक में तब्दील कर दिया है।

सबसे प्रमुख सुधारों में से एक जिस के लिए यह आदोलन कार्य करेगा वह है सरकार में ईमानदार और सत्यनिष्ठ लोगों को लाता तथा साथ ही निर्वाचित विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फास्ट ट्रैक करने के द्वारा छह महीनों में निपटाना। समय आ गया है कि उत्तर प्रदेश के नेता लोगों को लूटना बंद करें और महात्मागांधी, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर कंपूरी ठाकुर तथा लोहिया जी जैसे महान नेताओं की तरह उनकी सेवा करना शुरू करें।इस आंदोलन के साथ आर.वी. पी. पी वन लोगों की ओर से सेवा और संघर्ष करने की शपथ लेती है जिनके पास न तो बाहुबल है न ही धनबल। यह राजनीति नहीं, सेवानीति की शपथ लेती है।


नई पार्टी की आवश्यकता एक प्रति क्रांति इतने उच्च आदशों से हम गिर कर उस गत में आ गए हैं जहां आज लगभग 150 सांसद के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं इंडिया टुई । जहां पहले के नेता स्वयं का और अपने जीवना यहां तक बलिदान करते थे कि उनके पास खास धन-दौलत नहीं होता था, आज के कई नेता एकदम गरीबी की डालत से निकलते हैं और रातों-रात लखपति-करोड़पति हो जाते हैं। जहां पहले के नेता विचारों और संस्थानों की धरोहर छोड़कर जाते थे, आज के नेता केवल विनाश और खलबली के कुरूप निशान ही पीछे छोड़ते हैं।कार्यक्रम में कमल सिंह महा सचिव, राधेश्याम प्रजापति राष्ट्रीय कोपा अध्यक्ष , शनि देव,अतुल कुमार, कालजी सिंह आदि लोंग उपस्थित है।

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