पैसे की लालच में खेल रहे हैं नौनिहालों की जान से
जालौन से शत्रुघ्न सिंह यादव की रिपोर्ट
उरई/जालौन। देश को ही नहीं पूरे विश्व को अपनी चपेट में लेने वाली महामारी कोरोना व ओमीक्रोन ने प्रदेश के साथ ही जिले में भी पैर पसारना शुरु कर दिए हैं। हर रोज मरीज भी निकल रहे हैं। इस महामारी को रोकने के लिए शासन स्तर से स्कूल कालेज व कोचिंग 23 जनवरी तक के लिए बंद कर दिए हैं। लेकिन शहर के कोचिंग संचालकों के हौसले इतने बुलंद है कि उनपर शासनादेश का भी कोई असर होता नहीं दिख रहा है। वे मोटी कमाई के चक्कर में अभी भी पूरी क्षमता से कोचिंग संचालित किए जा रहे हैं। उन्हें देश के नौनिहालों के जीवन से कोई सरोकार नहीं हैं। जिले में कोरोना महामारी बड़े पैमाने पर अपने पैर पसार रही है। हर रोज 10 से 15 मरीज औसतन निकल रहे हैं। बुधवार को जिले में कोरोना बंम फूटा और 57 संक्रमित निकले। इतना ही नहीं दो दिन पहले एक कोरोना संक्रमित की मौत भी हो गई थी। लेकिन शहर के कोचिंग संचालकों के ऊपर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है। वे पूरी क्षमता से कोचिंग का संचालित कर रहे हैं। बतादें कि शहर की अधिकांश कोचिंग स्टेशन रोड पर संचालित हैं। यदि दोपहर में यहां का नजारा देखा जाए तो पूरा रोड बच्चों से भरा नजर आता है। यहां के कोचिंग संचालकों को न तो बच्चों की जीवन की परवाह है और न ही उनसे फैलने वाले संक्रमण की। इतना ही नहीं कोचिंग संचालकों को जिले के आला अधिकारियों की भी परवाह नहीं हैं। तभी वे बेखौफ होकर शासनादेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
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कोचिंग संचालित मिली तो होगी कार्रवाई
उरई। जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत पटेल से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि हो सकता है कि वैक्सीनेशन के लिए बच्चों को बुलाया हो। लेकिन यदि पढ़ाई के लिए बुलाया जा रहा है तो यह लापरवाही है। वे स्वयं इसपर निगरानी करेगें, यदि एक भी कोचिंग संचालित मिली तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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