भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन व्यवस्था बनाने के लिए कांग्रेस द्वारा लाए गए सूचना के अधिकार की तर्ज पर भारतीय युवा कांग्रेस देश भर में कर रही है आरटीआई डिपार्टमेंट का गठन
सूचना का अधिकार कानून कांग्रेस सरकार ने लागू करके देश के आम नागरिकों को ताकत दी कि वह भ्रष्टाचारी व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने देश में पारदर्शिता युक्त शासन व्यवस्था, भ्रष्टाचार मुक्त समाज बेहतर भारत निर्माण में कारगर सिद्ध होगा |
विश्व में स्वीडन कनाडा फ्रांस मेक्सिको के बाद भारत में सूचना अधिकार कानून लागू किया गया| 12 मई 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 संसद में पारित किया, जिसे 15 जून 2005 को राष्ट्रपति की अनुमति मिली और अन्ततः 12 अक्टूबर 2005 को यह कानून देश में लागू किया गया।
भारतीय युवा कांग्रेस आरटीआई डिपार्टमेंट के राष्ट्रीय चेयरमैन डॉ अनिल कुमार मीणा ने बताया कि राहुल गांधी की सोच को आगे बढ़ाने के लिए युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास ने देश में प्रदेश, जिला, विधानसभा, ब्लाक स्तर एवं ग्रामीण स्तर पर आरटीआई डिपार्टमेंट की टीम गठित करने की जिम्मेदारी सौंपी है|
राइट टू इनफार्मेशन एक्ट देश के नागरिकों को सूचना पाने का अधिकार देता है भारत एक लोकतान्त्रिक देश है। लोकतंत्र में देश की जनता अपने चुने हुए प्रतिनिधि को शासन करने का अवसर प्रदान करती है| वह यह भी अपेक्षा रखती है कि सरकार पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का पालन करेगी। लोकतान्त्रिक व्यवस्था में देश का नागरिक मताधिकार के माध्यम से अपनी सरकार चुनता है | जब अपने मताधिकार से सरकार को चुन सकता है तो उसे सरकार के द्वारा किए गए कार्यों को जानने का भी अधिकार है| कांग्रेस पार्टी ने सूचना अधिकार कानून के माध्यम से देश के नागरिकों को यह ताकत दी है कि उनके द्वारा बनाई गई सरकार के द्वारा किए गए सेवा कार्य क्या, कहां और कैसे कर रही है। यह कानून सरकार के कार्य और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है।
देश के लोग सरकार को चलाने के लिए टैक्स देता है, इसलिए भी नागरिकों को यह जानने का हक है कि उनका पैसा कहां खर्च किया जा रहा है। कांग्रेस सरकार द्वारा दिया गया सूचना का अधिकार कानून का मकसद नागरिकों को सशक्त बनाना, सरकार के कार्य में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना, भ्रष्टाचार को नियंत्रित करना एवं वास्तविक अर्थों में लोकतंत्र को लोगों के लिए कामयाब बनाना है।
इस कानून के दायरे में सभी सरकारी विभाग संसद, विधानमंडल, सरकारी बैंक, पुलिस विभाग, सरकारी अस्पताल, सरकारी बीमा और फोन कंपनियां, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री कार्यालय , पब्लिक सेक्टर यूनिट, किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता से चल रहीं गैर सरकारी संस्थाएं व शिक्षण संस्थाएं, चुनाव आयोग, आते हैं| सेक्शन 19(1) के तहत अगर आप की RTI का जवाब 30 दिनों में नहीं आया है तो आप फर्स्ट अपील अधिकारी को फर्स्ट अपील कर सूचना प्राप्त की जा सकती है | फर्स्ट अपील अधिकारी से यदि आपको सूचना नहीं मिलती है तो सेक्शन 19(3) के तहत 90 दिनों के अंदर सेकंड अपील अधिकारी से सूचना मिल जाती है | सेक्शन 6(3) के तहत आपकी एप्लिकेशन अगर गलत विभाग में चली जाती है तो इस सेक्शन के इस्तेमाल से वह विभाग आपकी एप्लिकेशन को सही विभाग में भेज देगा| सभी विभागों में सूचना अधिकार को मजबूत करने के लिए कांग्रेस सरकार के समय केंद्रीय सूचना आयोग ने 31 जनवरी 2006 को एक आदेश पारित किया जिसके तहत सभी विभाग में जन सूचना अधिकारी का पद दिया गया|
कहीं पर कोई सुनवाई नहीं होती है तो सेक्शन 18 के तहत अपनी शिकायत इन सूचना अधिकारियों से करने का प्रावधान किया गया| देशभर में फैले भ्रष्टाचार के मकड़जाल का पर्दाफाश करने के लिए भारतीय युवा कांग्रेस आरटीआई डिपार्टमेंट टीम गठन के साथ-साथ लोगों में आरटीआई कानून के इस्तेमाल करने, लोगों को प्रेरित करने के लिए जगह-जगह जागरूकता अभियान चला रहा है|
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