-पुलिस लाइन में हुई सर्वधर्म सदभाव की मीटिंग
-सभी धर्मों के अनुयायी हुए मीटिंग में शामिल
-सभी एक स्वर में बोले घटना से बदनामी हुई
-जो बीत चुका है उस पर टिप्पणी और बहस न करें,
-जो प्रयास पुलिस कर रही है उसमें सब करेंगे सहयोग
-सब ने माहौल को बेहतर करने के लिये दिये सुझाव
-अब शहर में होगी युवाओं की भी पीस कमेटी
कानपुर नगर : छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी...मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना...हिंदु चाहिए न मुसलमान चाहिए देश को बस इंसान चाहिए। अलग-अलग गीतों की यह पंक्तिया अलग-अलग धर्मों के लोगों द्वारा शहर के अमन चैन के लिये आहुत की गई बैठक में पढ़ी गईं। सभी धर्म के लोगों ने एक स्वर में बीते दिनों हुई हिंसा की निंदा की। सभी ने अपने अनमोल सुझाव देकर आश्वस्त किया कि अब शहर की आबोहवा में हिंसा का जहर नहीं घुलने देंगे।
पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना ने बैठक में शामिल सम्मानित नागरिकों से कहा कि सोशल मीडिया पर आने वाले संदेश को जब तक उसकी सच्चाई की पुष्टि न हो तब तक उसे आगे फारवर्ड न करें, पुलिस आयुक्त बोले जो बीत गया वह बात गई उस पर टीका टिप्पणी न करें। आप सभी संकल्प ले लें कि शहर में कुछ नहीं होगा तो यकीन मानिए वाकई शहर में कुछ नहीं होगा, अमन चैन कायम करने का यही सबसे बड़ा मूलमंत्र है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि जो सोशल मीडिया माहौल को खराब करने का प्रयास करते हैं आप सभी उसी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके अमन चैन और शांति व्यवस्था के पैगाम पोस्ट करें उस संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का भी प्रयास करें, साथ ही जो गलत और भड़काऊ संदेश वायरल होते हैं उन्हें अपने स्तर पर ही रोकें और इसकी सूचना पुलिस को भी दें।
जिलाधिकारी विशाख जी ने कहा कि शहर का नाम बनाने में आप अपना योगदान दें, शहर का अच्छाई में नाम होना या दंगों और हिंसा में बदनाम होना दोनों आपके हाथ में है, शहर में अब तक बहुत दंगे हो चुके है लेकिन औद्योगिक शहर के रूप में अपनी पहचान रखने वाले शहर का नाम अब दंगों से नहीं जुड़ना चाहिए आप सभी इसका संकल्प लें, मुझे विश्वास है कि आप द्वारा ही शहर का नाम रोशन किया जाएगा।
बैठक में आए महत्वपूर्ण सुझाव
1-मीटिंग में शामिल सदस्य अपने-अपने क्षेत्र के लड़कों और युवाओं पर नियंत्रण रखें।
2-नमाज पढ़ने के बाद सभी सीधे अपने घरों को चले जाएं, कहीं भीड़ न लगाएं।
3-फेसबुक और वाट्सएप पर आने वाले किसी भी भड़काउ संदेश या अपील का विश्वास न करें।
4-कोई मैसेज अगर आ भी जाता है तो उसे किसी दूसरे के पास आगे न बढ़ाएं।
5-बाहरी लोग अगर मोहल्ले में जमा हो रहे हैं तो उन्हें स्वयं ही मना करें न मानें तो पुलिस से शिकायत करें।
6-मस्जिद में नमाज के दौरान ही घर जाने की अपील कर दें।
7-सड़क पर कहीं भी ईंट और गिट्टी न पड़ी रहने दें उसे हटवा लें।
8-धर्म स्थलों के बाहर लगे अतिक्रमण को तत्काल हटवा दें।
9-कारवाई निष्पक्ष की जाए किसी राजनैतिक दल का दबाव न मानें।
10-जिन लोगों ने पत्थर चलाएं उनपर कारवाई हो लेकिन निर्दोषों परेशान न करें।
11-युवाओं की भी एक पीस कमेटी बना लें जिसमें 20-30 साल के युवा हों।
12-दोनों समुदाय के लोग पुलिस के साथ अपने क्षेत्र में पैदल मार्च करें।
13-मीटिंग में आए लोगों की कमेटी बनाई जाए जरूरत पड़ने पर इन्हीं को बुलाया जाए।
14-लोग बोले जो सच में धर्म अनुयायी हैं वह हिंसा से दूर रहते हैं।
15-शहर की जितनी जिम्मेदारी अधिकारियों की है उतनी ही हम सबकी भी है।
16-अपने क्षेत्र में जाकर मीटिंग में हुई बातों को बताएं।
17-हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए।
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