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जीवन की दूसरी पारी में अपने को आनंदित और स्वस्थ रखने के लिए करें नई शुरुआत:डॉ सुप्रिया शुक्ला


जीना इसी का नाम है - कानपुर की रहने वाली डॉक्टर सुप्रिया शुक्ला ने vssd college से प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत्त के बाद अपने जीवन की दूसरी पारी की शुरुआत कुछ इस तरह कर रही है कि वह दूसरों के लिए नजीर बन जाए। अक्सर आपने देखा होगा कि सेवानिवृत्त होने के बाद या जीवन के अंतिम पड़ाव में प्रायः लोग अपने जीवन के बचे हुए वर्षों को अंतिम समय मानते हुए उलटी गिनती गिनना शुरू कर देते हैं और धीरे-धीरे अवसाद से ग्रसित सुषुप्तावस्था में चले जाते हैं। डॉ सुप्रिया शुक्ला ने अपने जीवन की दूसरी पारी की कुछ इस अंदाज में की रही है कि लोग उनकी जीवनशैली को देखकर कह उठते "जीना इसी का नाम है"



मैं आपका परिचय एक ऐसी शक्सियत से करवा रहा हूँ जिनका नाम डॉ सुप्रिया शुक्ला है जो बाल्यकाल से ही निरंतर एक मेधावी छात्रा होने के साथ साथ इनकी गायन में भी विशेष रुचि रही है । आपने आल इंडिया रेडियो द्वारा अनुमोदित गायिका के रूप में  रेडियो एंवं दूरदर्शन पर कई प्रोग्राम किए हैं । 


गायन के साथ- साथ अपने अभिनय के प्रति लगाव के चलते आपने कई मंचों पर नाटकों में भाग लिया जिनको दूरदर्शन पर भी प्रसारित किया गया । जिसके लिये आपको समय समय पर पुरस्कृत भी किया गया । इसी श्रंखला मे  विश्वविद्यालय ने  उन्हें एम ए ( अंग्रेज़ी साहित्य) में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर स्वर्ण पदक से सम्मानित किया और इतना ही नहीं अपने महाविद्यालय की तरफ़ से आल राउंडर छात्रा के रूप में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी से एक विशेष भेंट में वार्ता करने का सम्मान मिला।


सुप्रिया ने चौंतीस वर्ष वी एस एस डी महाविद्यालय , कानपुर में अंग्रेज़ी के विभागाध्यक्ष तथा प्रधानाचार्य के रूप में एक सफल कार्यकाल पूरा कर वर्ष 2017 में सेवानिवृत्त हुईं ।



प्रायः लोग सेवानिवृत्त होने के उपरांत अपने जीवन के बचे हुए वर्षों को अंतिम समय मानते हुए उलटी गिनती गिनना शुरू कर देते हैं और धीरे-धीरे अवसाद से ग्रसित हो जाते है परन्तु सुप्रिया जी ने अपने जीवन की दूसरी पारी को अपने पति ज्ञानेन्द्र शुक्ला के साथ मिलकर अपने गायन से एक आनन्ददायक एवं रोमांचक यात्रा आरंभ की है । “ सुप्रिया- ज्ञानी” के नाम से आपका एक यूट्यूब चैनेल है जिसमें सुप्रिया के गाये हुए गानों के नब्बे वीडियो पोस्ट हो चुके हैं जिसका लिंक https://youtube.com/c/SupriyaGyani। इन विंडोज़ का निर्देशन एवं फ़िल्मांकन आपके पति ज्ञानेंद्र जी करते हैं । 

 सुप्रिया का मानना है कि जब हम अपनी दूसरी पारी में लगभग सभी मूल पारिवारिक ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो जाते हैं तो हमें इस समय का सदुपयोग कर अपनी उन सारी प्रतिभाओं को जो जीवन के कर्तव्यों के निर्वहन में सुषुप्तावस्था में चली गई थी  पुनः जाग्रत कर एक नये सिरे से जीवन की दूसरी पारी शुरू करनी चाहिए जिससे निश्चित रूप से मन आनंदित रहेगा । यदि मन आनंदित रहेगा तो शरीर भी स्वास्थ्य रहेगा जिसके फलस्वरूप हम दूसरों को प्रसन्न रख सकेंगे ।

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