रिपोर्ट: अंकित तिवारी
कानपुर देहात के थाना रूरा में माल खाने में कैद भगवान राम, लक्ष्मण और माता जानकी को 11 साल लग गए माल खाने से बाहर आने में पर देर से ही सही भगवान अपने मंदिर में शुक्रवार की देर शाम पुना विराजमान हो गए। ग्रामीणों ने जोर शोर के साथ अपने भगवान का स्वागत किया। इस दौरान भगवान को अपने बीच देखा ग्रामीण भावुक भी नजर आए।सर्वराकार राजेश व रामू गुप्ता ने बताया कि मंदिर में अभी तक मंदिर में दूसरे देवी देवताओं की पूजा हो रही थी। पर प्रभु श्रीराम,लक्ष्मण व माता जानकी का दरबार खाली था। लेकिन अब धार्मिक अनुष्ठान कराकर आचार्यों के द्वारा मूर्तिया दरबार में स्थापित कराई जाएंगी। मूर्तियां आने से हर कोई उत्साहित है।
2011 में मूर्तियां हो गई थी चोरी
कानपुर देहात के थाना रूरा के अंतर्गत गांव के रघुनाथ प्रसाद ने वर्ष 1964 में ठाकुरद्वारा बनवाया गया था। जिसमें अष्टधातु की प्रभु राम, माता सीता व लक्ष्मण की मूर्ति के अलावा अन्य देवी देवता की मूर्तियां भी स्थापित कराई गईं थीं। जिसके बाद से लगातार ग्रामीण पूजा अर्चना करते चले आ रहे थे और दूर-दराज तक मंदिर की चर्चा होती थी। वर्ष 2011 में चोरों ने भगवान के घर में चोरी करते हुए प्रभु श्री राम माता सीता व लक्ष्मण जी की अष्टधातु की मूर्ति भी चुरा ली थी।
माल खाने के अंदर ही होती रही पूजा
इसके बाद रघुनाथ प्रसाद के नाती राजेश व रामू गुप्ता ने चोरी की सूचना पुलिस को दी थी और पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए चोरी का खुलासा करते हुए मूर्तियां भी बरामद कर ली थी, लेकिन कानूनी दांवपेच के चलते मूर्तियों को सन 2011 में रूरा थाने के माल खाने में सुरक्षित रखवा दिया गया था। इसके बाद से माल खाने के अंदर ही भगवान की पूजा अर्चना समय-समय पर होती रहती थी
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