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कानपुर अग्निकांड: 16 घंटे से चल रहा आग का तांडव, कई सौ दुकानें ध्वस्त







कानपुर के हमराज कॉन्प्लेक्स तथा आसपास की कपड़ा मार्केट में रात 1:30 बजे से लगी आग ने प्रशासन तथा व्यपारियो के हाथ पाव फुला दिया है, तमाम प्रयासो के बावजूद प्रशासन आग पे काबू पाने मे असफल। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर अग्निकांड का संज्ञान लेते हुए सभी  प्रशासनिक अधिकारियों को  घटनास्थल पर पहुंचकर पल-पल की कार्रवाइयों की जानकारी देने का निर्देश दिया।


 

घटनास्थल पर कानपुर कमिश्नर राजशेखर, जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर पुलिस कमिश्नर डीपी जोगदंड सहित सभी आला अधिकारी कानपुर अग्निकांड घटनास्थल पर मौजूद रहे। 



घटनास्थल पर पहुँचे DEPUTY CM

 बांस मंडी कपड़ा मार्केट में लगी आग की घटना का जायजा लेने यूपी डिप्टी सीएम बृजेश पाठक घटनास्थल पर पहुंचे जहां पर उन्होंने अधिकारियों से बातचीत कर घटनास्थल की पूरी जानकारी और निर्देश जारी किए वहीं पर उन्होंने विपक्षी दलों को ऐसी हृदय विदारक घटना पर राजनीतिकरण न करने  की बात कही डिप्टी सीएम बृजेश पाठक सहित घटनास्थल पर भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी  वर्तमान मेयर प्रमिला पांडे भाजपा नेता सुरेश अवस्थी व्यापारी नेता ज्ञानेश मिश्र सहित तमाम राजनीतिक स्वयंसेवी संगठन के लोग पहुंचे। 




कानपुर अग्निकांड पर  ट्वीट  कर बोले सपा प्रमुख अखिलेश यादव

कानपुर अग्निकांड की घटना को लेकर अखिलेश यादव ने किया ट्वीट

दमकल की क्षमता का भी आंकलन हो : अखिलेश यादव

कानपुर कपड़ा मंडी में लगी आग, पहले से ही नोटबंदी, जीएसटी के छापों व मंदी की मार झेल रहे व्यापारियों के लिए आर्थिक व मानसिक रूप से एक और गहरी मार है उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार व्यापारियों को हुई हानि का तत्काल आंकलन कर सच्चे मुआवज़े की तुरंत घोषणा करे दमकल की क्षमता का भी आंकलन हो

कानपुर अग्निकांड में सबसे ज्यादा नुकसान हमराज़ तथा मकसूद कंप्लेक्स को हुआ 

सैकड़ों करोड़ों का नुकसान हजारों बेरोजगार

कानपुर के बांस मंडी स्थित हमराज कंपलेक्स ,मसूद कंप्लेक्स -1 मसूद कांपलेक्स २,ऐ आर टावर मैं लगभग 800 व्यापारियों की दुकान है जहां पर होलसेल में कपड़े का व्यापार होता है जिसमें प्रतिदिन करोड़ों रुपए का टर्नओवर होता ,घटना में लगभग  500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है वहीं पर व्यापार से जुड़े  हजारों परिवार रातों रात सड़क पर आ गए। 
यह लोग यहां पर कोई पल्लेदारी, खाने पीने की दुकान है और इन्हीं व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर काम करने वाले तथा इनसे जुड़े परिवार सड़क पर आ गए। अब देखना यह होगा कि घटना की निष्पक्ष जांच के बाद सरकार  अग्निकांड से प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा व धनराशि देकर उनके जख्मों में  कितना मरहम लगा करती है। 


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