दिल्ली: साकेत कोर्ट में सरेआम फायरिंग, महिला को मारी चार गोलियां, आरोपी वकील फरार
AB डिजिटल डेस्क, अमन तिवारी- दिल्ली के साकेत कोर्ट परिसर में शुक्रवार सुबह गोली चलने से हड़कंप मच गया है. कोर्ट परिसर के अंदर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने के बावजूद एक शख्स ने महिला पर फायरिंग कर दी. सवाल यह उठ रहे हैं कि आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद कैसे कोई बंदूक लेकर कोर्ट में दाखिल हो गया.गोली लगने के बाद महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया है.
दिल्ली के साकेत कोर्ट परिसर में आज सुबह गोली चलने से हड़कंप मच गया है. यहां वकील की ड्रेस में आए एक शख्स ने महिला को गोली मार दी, जिसके बाद वहां हड़कंप मच गया. कोर्ट परिसर के अंदर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते हैं और मेटल डिटेक्टर लगे रहते हैं, ऐसे में कैसे कोई बंदूक लेकर घुस गया, उस पर सवालिया निशाना खड़े हो रहे हैं. कुल वकीलों ने बताया कि महिला किसी केस के सिलसिले में कोर्ट परिसर में पहुंची थी और मेन गेट के प्रवेश द्वार के नजदीक ही महिला को गोली मारी गई.
हमलावर का नाम कामेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ बिनोद सिंह है जो वकील है. आरोपी को काउंसिल ने एक अलग मामले में निलंबित कर दिया था. दावा किया जा रहा है कि हमलावर वकील ने पीड़ित महिला को 25 लाख रुपये दिए थे.उसने कामेश्वर प्रसाद सिंह के साथ धोखाधड़ी की थी.
चार गोलियां मारी गईं
खबर के मुताबिक, आरोपी वकील के रूप में कोर्ट परिसर में दाखिल हुआ था. जानकारी के मुताबिक, आरोपी द्वारा महिला को चार गोलियां मारी गईं जो उसके पेट तथा अन्य हिस्सों में लगीं. मौके पर मौजूद दिल्ली पुलिस के एक एसएचओ महिला को जीप में लेकर एम्स गए, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है. आरोपी की पहचान भी हो गई है जो एक हिस्ट्रीशीटर बताया जा रहा है. कहा जा रहा है महिला और इस शख्स के बीच पैसों को लेकर पुराना विवाद था.
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दिल्ली पुलिस का बयान
दिल्ली पुलिस ने घटना पर बयान जारी करते हुए कहा,'साकेत कोर्ट में सुबह 10.30 बजे फायरिंग की घटना की सूचना मिली. घायल एम राधा नाम की महिला की उम्र 40 से अधिक है. महिला के पेट में दो तथा हाथ में एक गोली लगी है, जिसे मैक्स साकेत अस्पताल ले जाया गया है. आरोपी की पहचान हो गई है. आरोप है कि पीड़िता और अधिवक्ता राजेंद्र झा के खिलाफ साकेत कोर्ट में 420 का मुकदमा दर्ज था, जिसकी आज सुनवाई होनी थी.प्रत्यक्षदर्शी रणजीत सिंह दलाल के अनुसार कुल 4-5 राउंड फायरिंग की गई. आरोपी कैंटीन के बैक एंट्री गेट के रास्ते फरार हो गया. कानून व्यवस्था का कोई मामला नहीं है, साकेत कोर्ट में स्थिति सामान्य है. आरोपी को पकड़ने के लिए टीमें गठित कर सक्रिय की हैं.'
चश्मदीद की आंखों-देखी
साकेत कोर्ट फायरिंग के चश्मदीद गवाह ने आजतक से बात करते हुए बताया कि हमलावर वकील के वेश में था, चश्मदीद ने बताया, 'हमने हमलावर को रोकने की कोशिश की. उसने पिस्टल तान दी और दहशत फैल गई. हमलावर ने महिला पर तड़ातड़ फायरिंग कर दी और वह पीड़िता का परिचित था.'
केजरीवाल का एलजी पर निशाना
इस गोलीबारी के बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उपराज्यपाल पर हमला बोलते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, 'दिल्ली में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. दूसरों के कामों में अड़चन करने और हर बात पर गंदी राजनीति करने की बजाय सबको अपने अपने काम पर ध्यान देना चाहिये और अगर नहीं संभलता तो इस्तीफ़ा दे देना चाहिए ताकि कोई और कर ले. लोगों की सुरक्षा रामभरोसे नहीं छोड़ी जा सकती.'
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा, 'LG साब के दो ही काम हैं - पुलिस और DDA. नये LG साब के आने के बाद दिल्ली की क़ानून व्यवस्था लगातार बद से बदतर होती जा रही है.कोर्ट में ही गोलियाँ चल रही हैं. पुलिस 350 करोड़ के भ्रष्टाचार में डूबी हुई है.'
जांच में जुटी पुलिस
क्या उसके साथ कोई और भी था या वो अकेले आया था, इस पर दिल्ली पुलिस ने अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है. लेकिन कोर्ट की सुरक्षा को लेकर यहां कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सुबह का वक्त था तो ऐसे कोर्ट परिसर में भारी भीड़ भी थी. हमलावर ने महिला को नजदीक से गोली मारी और फिर फरार भी हो गया.घटना की जांच के लिए पुलिस ने कई टीमें बनाई हैं और यह पता लगाया जा रहा है कि हमलावर कैसे कोर्ट में दाखिल हुआ. तमाम पीसीआर वैन कोर्ट परिसर में पहुंच चुकी हैं और पुलिस के आला अफसर भी यहां मौजूद हैं.
वकीलों की एसोसिएशन ने जारी किया बयान
उत्तरी दिल्ली वकील संघ के महासचिव एडवोकेट विनीत जिंदल ने इस घटना के बाद बयान जारी करते हुए कहा, 'जिला अदालतों में सुरक्षा में चूक वादियों और अधिवक्ताओं के लिए बड़ी चिंता का विषय है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी सुरक्षा चूक पर ध्यान दिया और दिल्ली पुलिस को निर्देश जारी किया लेकिन सुरक्षा चूक अभी भी जारी है. दिल्ली की अदालतों को अत्याधुनिक उपकरणों के साथ समर्पित सुरक्षा यूनिट की आवश्यकता है, तभी हम दिल्ली की अदालतों में सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं. न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं और वादकारी जो न्यायालयों में जाते हैं उन्हें विश्वास होना चाहिए कि न्यायिक प्रक्रिया के दौरान उनका जीवन खतरे में नहीं है. दिल्ली की अदालतों में बार-बार गोलीबारी की घटनाएं वादियों, वकीलों और यहां तक कि जजों के लिए भी डराने वाली हैं, इस तरह की जानलेवा घटनाओं का न्यायिक व्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.'
रोहिणी कोर्ट मे ंदो बार हो चुकी है ऐसी घटना
एक साल पहले को 22 अप्रैल को रोहिणी कोर्ट में भी इसी तरह की फायरिंग हुई थी. यहां कोर्ट की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी के बीच सुरक्षा जांच के दौरान कहासुनी हो गई, जिसके बाद वहां फायरिंग हुई.
इस घटना में 2 वकीलों को गोली लग गई थी. इसके अलावा सिंतबर 2021 में भी रोहिणी कोर्ट में गैंगवार हुआ था और गोलीबारी में टिल्लू ताजपुरिया गैंग के दो लोगों ने जितेंद्र मान उर्फ गोगी (गोगी गैंग का सरगना) की जान ले ली थी. हालांकि, पुलिस ने राहुल त्यागी और जगदीप जग्गा नाम के दोनों बदमाशों को भी ढेर कर दिया था. यहां भी हमलावर वकील की ड्रेस पहनकर कोर्ट के अंदर दाखिल हुए थे.
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