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GSVM मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल ने सरकार पर उठाए सवाल:कहा- 100 बेड के ICU अस्पताल से वंचित कर दिया, कब तक ये सौतेला व्यवहार होगा

 

GSVM मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल ने सरकार पर उठाए सवाल:कहा- 100 बेड के ICU अस्पताल से वंचित कर दिया, कब तक ये सौतेला व्यवहार होगा





प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में शुमार GSVM मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डा. संजय काला ने भाजपा सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाए हैं। प्रिंसिपल के मुताबिक जमीन की उपलब्धता के बाद भी कानपुर को 100 बेड के ICU अस्पताल को लिस्ट से बाहर कर दिया गया। जबकि लिस्ट में कानपुर का नाम सबसे ऊपर था।




पहले प्रिंसिपल की लिखी बात को शब्दश: पढ़ लीजिए
बेहद दुखद। प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज को 100 बेड ICU अस्पताल से वंचित कर दिया गया। जबकि छोटे से छोटे मेडिकल कॉलेज को ये ICU मिला। कानपुर निवासियों के स्वास्थ्य कब तक सौतेला व्यवहार होगा। जो हॉस्पिटल ट्रामा सेंटर नहीं चला पा रहा, जिसके पास फैकेल्टी रेजिडेंट नहीं हैं। वो 100 बेड का ट्रामा सेंटर कैसे चलाएंगे। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना दम तोड़ती हुई, केवल एक गलत फैसले से।




मिशन निदेशक पर उठाए सवाल
प्रिंसिपल ने इस संबंध में प्रमुख सचिव चिकित्सा को भी पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने मिशन डायरेक्टर पर सवाल उठाते लिखा है कि वर्ष 2021-22 में कानपुर के कांशीराम अस्पताल में 100 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण हुआ था। जबकि ये ब्लॉक राजकीय मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में बनवाया जाना था। ये कारण बताते हुए CCB की लिस्ट से कानपुर को बाहर कर दिया गया। जबकि ब्लॉक निर्माण के लिए जमीन की भी कोई कमी नहीं है।



मानकों में खरा उतरा था कानपुर
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (PM-ABHIM) के तहत इसका निर्माण किया जाना था। ICU अस्पताल के लिए 6 हजार वर्ग मीटर जमीन की उपलब्धता और शहर की आबादी 20 लाख होनी चाहिए थी। कानपुर में यह दोनों मानक पूरे पाए गए थे।



34 करोड़ रुपए का बजट दिया जाना था
नए ब्लॉक के निर्माण से लेकर आधारभूत संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) के लिए 34 करोड़ रुपए भी दिए जाने थे। इसके साथ ही उपकरण के लिए 14.28 करोड़ रुपए के बजट को स्वीकृति दी जानी थी। इस धनराशि का 70 फीसदी केंद्र और 30 फीसदी राज्य सरकार को देना था।



चार मंजिल का बनना था नया ब्लॉक
नया ब्लॉक चार मंजिल का बनना था। इसमें इमरजेंसी, आईसीयू, एचडीयू, डायलिसिस यूनिट, एक बड़ा ऑपरेशन थिएटर, एक छोटा ऑपरेशन थिएटर, निगरानी कक्ष और इंटीग्रेटेड लैब बनाई जानी थी। अगर ये ब्लॉक बनता तो क्रिटिकल केयर विभाग बनने से रोगियों को बहुत बड़ी राहत मिल जाती। आईसीयू, एचडीयू, ऑपरेशन थियेटर, डिलीवरी कक्ष आदि सभी सुविधाएं क्रिटिकल केयर ब्लॉक (CCB) में ही एक साथ मिल जाती।

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