अजब गज़ब: 2 साल बाद जिंदा हुआ कोरोना में मृत व्यक्ति,विधवा की तरह जी रही पत्नी की मांग में आज फिर से भरा सिंदूर
जिसकी कोरोना संक्रमण से मौत हुई,वो 2 साल बाद घर लोटा परिवार ने जिसका 2 साल पहले अंतिम संस्कार कर दिया हो नियती को स्वीकार कर लिया हो कि अब उनके परिवार का सदस्य जीवित नहीं है पर यदि वह जीवित लौट आए और सुबह 6:00 बजे घर का दरवाजा खटखटाया तो उस परिवार की स्थिति क्या होगी इससे सिर्फ समझा जा सकता है उसका बखान नहीं किया जा सकता।
धार,मध्य प्रदेश - ये कोई काल्पनिक कथा नहीं है सच है जो जिले के बदनावर इलाके के कड़ोद कला के परिवार के साथ घटी जानकारी के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़ौदा के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान डॉक्टरों ने 40 साल के एक युवक कमलेश पाटीदार को मृत घोषित कर उसका वही अंतिम संस्कार भी कर दिया था किंतु 2 साल बाद अचानक मृतक के जीवित घर लौटने पर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा कड़ोद कला के कमलेश पुत्र गेंदालाल पाटीदार को साल 2021 में कोरोना हो गया था कोरोना के उपचार के लिए उसे बड़ौदा के निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार के दौरान डॉक्टर के कमलेश को मृत घोषित कर दिया अस्पताल की सूचना पर परिजन अस्पताल पहुंचे किंतु कोराना पोजेटिव होने से परिजनों को मृतक का शव दूर से ही दिखाया था पॉलिथीन में लिपटी देह को पुष्टि के साथ पहचानना संभव नहीं था किंतु चिकित्सकों कहने पर परिवार ने उसे कमलेश मान लिया कोराना संक्रमण से मौत होने पर शव परिजन को नहीं देते हुए बड़ौदा में ही कोविड टीम ने अंतिम संस्कार कर दिया ।
युवक किसी गिरोह द्वारा बंधक बनाकर प्रताड़ित किए जाने की बात कह रहा है उसे जैसा ही मौका मिला वह बदमाशों के चंगुल से भागकर शुक्रवार रात उसके मामा के घर धार जिले के सरदारपुर तहसील में पहुंच गया वहां पुलिस को सूचना दी आप उसे बदनावर क्षेत्र कानवन थाने लाया जा रहा है इस से मिली लोगों कहना है कि कमलेश किसी से कोई बात नहीं कर रहा है और दिखाई दे रहा है उसके चेहरे पर घर वापसी खुशी भी नहीं है ऐसी स्थिति में यही यह माना जा रहा है मामला संदिग्ध है और अभी वास्तविक बात सामने आना बाकी है उसे किसी गिरोह ने बंधक बनाया था या वह कहीं कहीं और था इस बात की सच्चाई का पता लगाना अभी बाकी है।
दो साल बाद जिंदा लौटा ...विधवा की तरह जी रही पत्नी की मांग में आज फिर से भरा सिंदूर
कड़ौदकला गांव के एक युवक की कोरोना के कारण गुजरात के बड़ौदा में इलाज के दौरान डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद उसका अंतिम संस्कार करने के 2 साल बाद अब उक्त युवक वापस जिंदा घर लौट आया। यह देख परिवार समेत अन्य लोग भी अचंभित ह्यो गए।
शनिवार सुबह अचानक गांव का माहौल बदल गया। एक घर सभी के केंद्र में रहा और गांव का हर शख्स चार कमरे के इस घर के इर्द-गिर्द घूमता रहा। गांववाले एक-दूसरे से तो बात करते रहे, लेकिन बाहर वालों को अपनी चर्चा से दूर रखा। यह घर था कमलेश के मामा का... और चर्चा का विषय था खुद 40 साल का कमलेश।
दरअसल दो साल पहले कमलेश की कोरोना से मौत होने की बात सामने आई थी। परिवार ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था। लेकिन शनिवार सुबह अचानक से वह मामा के घर लौट आया, उसके जिंदा होने की खबर गांव में आग की तरह फैल गई। बेटे को जिंदा देख उसके बूढ़े पिता की आंख में आंसू आ गए। दो साल से विधवा का जीवन जी रही पत्नी के चेहरे की मुस्कान लौट आई। पूरा परिवार अपने गांव कड़ोदकला से बड़वेली पहुंचा। यहां कमलेश ने अपनी पत्नी की मांग भरी और एक बार फिर उसे सुहागन बना दिया।
बदनावर के कड़ौदकला निवासी कमलेश पाटीदार शनिवार सुबह 6 बजे अचानक अपने मामा के घर बड़वेली गांव पहुंचा। कमलेश के वापस लौटने की खबर लगते ही गांववाले उसे देखने घर पहुंचे।
मुहं तक नही देख पाए थे घर वाले,
अस्पताल की सूचना पर परिवार वाले वहां पहुंचे, लेकिन कोरोना पॉजिटिव बॉडी होने से उन्हें दूर ही रखा गया। बॉडी पॉलीथिन में लिपटी थी, इसलिए परिवार वाले सही तरीके से परख नहीं पाए और डॉक्टरों की पुष्टि को ही सही मानते हुए बड़ौदा में ही कोविड टीम से अंतिम संस्कार करवाने के बाद वापस गांव लौट आए। जवान बेटे को खो चुके परिवार ने बड़ौदा से लौटने के बाद घर पर सारे रीति-रिवाज पूरे किए। पूरा गांव तेरहवीं के कार्यक्रम में शामिल हुआ। कमलेश की पत्नी रेखा बाई ने भी खुद को विधवा मान लिया। कमलेश के आने की सूचना मिलते ही पिता अपने गांव से परिवार के साथ ससुराल पहुंचे और बेटे को दुलारा।
कमलेश ने पत्नी रेखा बाई की फिर से मांग भरी
कमलेश के मामा के बेटे मुकेश पाटीदार ने बताया कि सुबह 6 बजे के आसपास अचानक दरवाजा किसी ने खटखटाया था, बाहर आकर देखा तो कमलेश पाटीदार गेट पर खड़े हुए थे। हम उन्हें तत्काल भीतर लेकर आए। हमने उसके बड़े भाई शरद पाटीदार को फोन पर सूचना दी। उन्हें यकीन ही नहीं हाे रहा था। इस पर हमने वीडियो कॉल करके दिखाया। इसके बाद परिवार में खुशी की लहर छा गई। कमलेश की पत्नी पिछले दो साल से विधवा
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