उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में प्रत्याशियो का चयन बना रहा टेढ़ी खीर
प्रयागराज में घटित घटनाओं ने बिगड़ा राजनीति दलों का समीकरण
पशोपेश में रहे राजनीतिक दल
प्रथम चरण के नामांकन की तारीख़ खत्म होते ही चुनावी प्रचार ने पकड़ा ज़ोर
उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की घोषणा हो चुकी है और तारीखों के एलान के साथ ही प्रत्येक पार्टी में राजीतिक हलचल भी तेज़ हो गई हैं
सभी नेता अपने दल के आलाकमान को अपनी मज़बूत दावेदारी के प्रति आश्वस्त करते नज़र आ रहे हैं
उत्तर प्रदेश में बीजेपी ,कांग्रेस सपा, बसपा जँहा अपनी मज़बूत दावेदारी के साथ मैदान में उतरती रही है वही इस बार कुछ छोटे दल जिसमे भारतीय सुहेलदेव पार्टी भी अपनी किस्मत आज़माती नज़र आएगी
छोटे दलों की उपस्थिति से जँहा चुनाव दिलचस्प होगा वहीं बड़े पारंपरिक राजनीतिक दलों को अपने सामाजिक समीकरणों को साधने के लिए फिर से मूल्यांकन की आवश्यकता पड़ेगी।
उत्तर प्रदेश का प्रयागराज शहर भारतीय राजनीति के केंद्र में हमेशा से रहा है औऱ पिछले 2 महीने से घट रहे घटनाक्रम को देखते हुए प्रत्येक राजनीतिक दल अपने उम्मीदवार के चयन के प्रति अतिसंवेदनशील नज़र आ रहा है
फरवरी में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद से जँहा योगी सरकार की कानून व्यवस्था पे सवाल खड़े हुए थे और विपक्ष को सरकार पे हमले का मौका मिला इस घटनाक्रम के बाद योगी सरकार डैमेज कंट्रोल में जुटती नज़र आईं,
कुछ आरोपी सहित चर्चित अतीक अहमद के पुत्र असद के इनकाउंटर के बाद जँहा सरकार अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति को सही साबित करती नज़र आई वही विपक्ष सरकार पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगता नज़र आया
नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर प्रत्येक पार्टी अपनी तरफ से कोई कसर नही छोड़ना चाहती लेकिन प्रयागराज में हर दिन बदलते माहौल ने राजनीति दलो को भी पशोपेश में डाल रखा है
उमेश पाल की हत्या के बाद भी जँहा बहुजन समाज पार्टी से अतीक अहमद की पत्नी शाहिस्ता के मेयर पद से उम्मीदवार होने की खबर आती रही वही BSP भी उनकी सदस्यता का समर्थन भी करती दिखाई दे रही थीं लेकिन कुछ दिन बाद ही शाहिस्ता की मेयर पद की दावेदारी रद्द कर दी गई
लेकिन 15 अप्रेल को अतीक अहमद और उसके भाई की पुलिस सुरक्षा में हुई हत्या के बाद से समीकरण फिर से बदलते नज़र आ रहे हैं
सूत्र बताते हैं कि एक वर्ग जो bsp का वोटर रहा है उसकी नाराज़गी की खबर पार्टी आलाकमान तक पहुँच गयी है और पार्टी भी इस गंभीरता को समझते हुए सईद अहमद को मेयर पद का उम्मीदवार घोषित किया है
प्रयागराज की मेयर सीट अनारक्षित घोषित हुई है और इसी को देखते हुए bjp की ओर से मौजूदा मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी की दावेदारी मज़बूत मानी जा रही थी लेकिन bjp ने अभिलाषा गुप्ता की उम्मीदवारी रद्द कर दिया है तथा नामांकन के अंतिम दिन से पहले उमेश चंद्र केशरवानी को प्रयागराज से मेयर पद का प्रत्याशी बनाया है
इन सभी घटनाक्रम पर लगभग 20 साल सरकार में रही समाजवादी पार्टी भी पैनी नज़र बनाये हुए है और सपा प्रमुख भी आज कल मुखर हो कर सरकार की कार्यशैली और बिगड़ते कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं और हाल के दिनों में हुए इनकाउंटर पर संदेह व न्यायिक जांच की भी मांग करते नज़र आ आये हैं
हालांकि समाजवादी पार्टी ने अन्य दलों से एक कदम आगे रहते हुए प्रयागराज से अपना मेयर उम्मीदवार जार्ज टाउन निवासी अजय श्रीवास्तव को घोषित किया है ,अजय पहले बहुजन समाज पार्टी में ही थे।
कांग्रेस की तरफ से जँहा वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभाशंकर मिश्रा,आम आदमी पार्टी से चौक स्थित व्यापारी नेता कादिर भाई व सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी ने उपेंद्र निषाद को उम्मीदवार बनाया है
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