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कान्हा की नगरी में 1 महीने बाद मनाया गया प्रभु राम का जन्म उत्सव,रंगनाथ मंदिर में हुआ अभिषेक

श्री राम जन्म उत्सव : कान्हा की नगरी में 1 महीने बाद मनाया गया प्रभु राम का जन्म उत्सव,रंगनाथ मंदिर में हुआ अभिषेक 





 अजय कुमार त्रिपाठी, मथुरा- भगवान राधा कृष्ण की भूमि वृंदावन में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म उत्सव धूम धाम से मनाया गया। उत्तर भारत के विशालतम रंगनाथ मंदिर में भगवान राम का जन्म उत्सव एक महीने बाद मनाया जा रहा है। सौर पंचांग के अनुसार राम नवमी शनिवार की है। यही वजह है कि राम जन्म उत्सव आज मनाया गया।  


3 दिवसीय उत्सव का हुआ आयोजन 


मर्यादा भगवान श्री राम के जन्म उत्सव का आयोजन दक्षिण भारतीय शैली के रंगनाथ मंदिर में बड़े धूमधाम से किया गया। 3 दिवसीय राम नवमी उत्सव का प्रारंभ गुरुवार से हुआ। उत्सव के प्रथम दिन भगवान की विभिन्न मंत्रों से आराधना की गई। इसके बाद उनका अभिषेक कर श्रृंगार किया गया। 



सूर्य वाहन में विराजमान हो कर निकले रघुनाथ जी 


3 दिवसीय उत्सव के पहले दिन शाम को भगवान श्री राम,माता सीता और लक्ष्मण जी की सवारी निकाली गई। निज मंदिर से प्रभु के विग्रह चांदी की पालकी में विराजमान हो कर रथ मंडप पर पहुंचे। जहां भगवान के विग्रहों को सूर्य वाहन में विराजमान किया गया। इसके बाद आरती की गई और फिर सवारी निकाली गई। 







दूसरे दिन स्वर्ण हाथी पर विराजमान हुए भगवान राम 


उत्सव के दूसरे दिन प्रातः भगवान का विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। मंदिर के पुजारी रंगा स्वामी ने वैदिक मंत्रों के बीच भगवान की पूजा की। शाम के समय भगवान राम के विग्रह को स्वर्ण( सोने) निर्मित हाथी पर विराजमान किया गया। छोटे रथ पर रखे हाथी पर विराजमान भगवान के दर्शन अलौकिकता बिखेर रहे थे। प्रभु के दर्शन की झलक इस तरह से लग रही थी जैसे कोई महाराजा हाथी पर विराजमान होकर निकले हों। 


पवित्र नदियों के जल से हुआ अभिषेक 


उत्सव के अंतिम दिन भगवान राम का जन्म उत्सव मनाया गया। सुबह 10 बजे से मंदिर में भगवान राम,सीता जी और लक्ष्मण जी के उत्सव विग्रह का अभिषेक शुरू हुआ। 9 पवित्र नदियों का जल,जड़ी बूटी,औषधि युक्त जल से तीनों विग्रह का अभिषेक किया गया। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पंचामृत अभिषेक हुआ। 


कुंभ आरती की गई 


अभिषेक के पश्चात भगवान राम,जानकी जी और लक्ष्मण जी का श्रृंगार किया गया । करीब 2 घंटे तक अभिषेक और श्रृंगार करने के बाद प्रभु की पहले कुंभ आरती की गई। कुंभ आरती यानि भगवान की नजर उतारी गई। इसके बाद प्रभु को तरह तरह के बनाए गए व्यंजन अर्पित होंगे। शाम के समय भगवान राम की सवारी हनुमान जी पर विराजमान कर मंदिर परिसर में निकाली जाएगी।


1 महीने बाद इसलिए मनाया जा रहा राम जन्म उत्सव 


दक्षिण भारतीय शैली के रंगनाथ मंदिर में पूजा सेवा,उत्सव सौर पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं। यहां पांचरात विधि से पूजन अर्चन किया जाता है। मंदिर के सेवायत चक्रपाणि मिश्रा ने बताया कि सौर पंचांग के अनुसार राम नवमी का पर्व इस बार 29 अप्रैल शनिवार को पड़ रहा है। इसीलिए मंदिर में राम नवमी अन्य स्थानों की अपेक्षा 1 महीने बाद मनाई जा रही है।




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