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UP निकाय चुनाव: निर्वाचन आयोग की अयोग्यता के कारण प्रत्याशी चुनाव लड़ने से वंचित

 स्थानीय निकाय चुनावों में बड़े पैमाने पर मतदाता सूचियों में गड़बड़ी, निर्वाचन आयोग की अयोग्यता के कारण प्रत्याशी चुनाव लड़ने से वंचित



गोवर्धन मथुरा, उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय 2023 में हो रहे चुनाव में निर्वाचन आयोग का खामियाजा प्रत्याशियों को भोगना पड़ रहा है 75 वर्ष के बाद में भी निर्वाचन आयोग शुद्ध मतदाता सूची जारी करने में अयोग्य घोषित हुआ


आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में इस समय स्थानीय निकायों का चुनाव चल रहा है चुनाव का संचालन उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय निर्वाचन आयोग करता है जिसका दायित्व है कि मतदाताओं की सूची स्पष्ट एवं त्रुटिपूर्ण होनी चाहिए लेकिन 75 वर्षों के बाद में भी निर्वाचन आयोग अपनी व्यवस्था में नाकाम साबित हुआ है इस कारण गोवर्धन क्षेत्र में अनेकों प्रत्याशी निर्वाचन लड़ने से वंचित हो गए हैं गोवर्धन नगर पंचायत के प्रत्याशी नीतू गौतम खंडेलवाल के नाम में त्रुटि होने के कारण चुनाव लड़ने से वंचित हो गई है ऐसे कई अन्य उदाहरण है जिसके कारण प्रत्याशियों का अंधकार में भविष्य हो गया है जबकि शासन प्रशासन निर्वाचन मतदाता सूचियों के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद ढाक के तीन पात नजर आते हैं । 

इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था पर आघात पहुंचता है और संविधान के विपरीत कार्य होने के कारण अपने अधिकारों से वंचित हो जाते हैं और चुनाव नहीं लड़ पाते हैं इस प्रकार के आयोग से क्या फायदा जिसमें कि आयोग यही निर्वाचन कराने में अयोग्य हो भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा के राष्ट्रीय मुख्य प्रधान महासचिव युवराज दत्त के समाचार गोस्वामी कात्यान पचौरी ने आयोग एवं आयोग के अधिकारियों की घोर भर्त्सना की है इस प्रकार के आयोग अधिकारी निर्वाचन कैसे करा सकते हैं और स्वच्छ चुनाव कैसे संभव हो पाएगा जब चुनाव आयोग पर ही निश्चिंत लग जाए मैं आयोग से मांग करता हूं कि जब तक गोवर्धन नगर पंचायत की मतदाता सूची तो टिपूर ना हो तब तक गोवर्धन में चुनाव ना कराया जाए नहीं तो संविधान एवं निर्वाचन आयोग पर स्वयं ही एक प्रश्न चिन्ह लग जाएगा। 

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