कुशीनगर में आग लगने से एक ही परिवार के 4 बच्चों और मां की मौत,दोस्त की हालत गंभीर
सूचना पाकर जिलाधिकारी रमेश रंजन, पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। हादसा पडरौना तहसील के रामकोला थाना के माघी मठियां गांव में हुआ। डीएम के सामने ही गांव के लोगों ने आग लगने के ढाई घंटे बाद फायर ब्रिगेड के पहुंचने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि बाल्टियों और नल के सहारे 2 घंटे बाद आग को बुझाया जा सका, लेकिन तब तक फायर ब्रिगेड का कुछ पता नहीं था। हादसे के ढाई घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची। हादसे में अपनी पत्नी-बच्चों को खोने वाले शेर मोहम्मद ने बताया,कि मैं अपने काम पर गया था। तभी गांव के लोगों ने फोन करके बताया कि आग लग गई है।
मैं भागकर पहुंचा, तो मेरा घर जल रहा था। मेरी पत्नी फातिमा खातून (28), बेटी रुकई (6), अमीना (3), आयशा (2) और डेढ़ साल की खतीजा जिंदा जल गए। इसके अलावा मेरी रकई के साथ जन्मी जुड़वां बच्ची कुलशुम (6), दादी मोतीरानी (80) और दादा सफीद शाह (90) भी झुलस गए हैं। इन तीनों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। सूचना के कई घंटे बाद फायर ब्रिगेड पहुंची, तब तक मेरे परिवार के लोग जिंदा जल चुके थे। साथ ही गांव के लोग आग पर काबू पा चुके थे।
घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, दोपहर करीब 2 बजे अचानक गांव में आग लगने का शोर मचा। हम लोग पहुंचे, तो देखा शेर मोहम्मद का छप्परनुमा घर जल रहा था। अंदर से बच्चों और महिला की चीख सुनाई दे रही थी। लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कोई भी पास नहीं जा पा रहा था। हम लोगों ने हैंडपंप से बाल्टियों में पानी ले जाकर आग बुझाने का प्रयास किया। उसने बताया,कि इस दौरान फायर ब्रिगेड को सूचना भी दी गई, लेकिन ढाई घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी गांव पहुंची।
तब तक गांव के लोगों ने मिलकर आग पर काबू पा लिया था। हम लोग घर के अंदर गए, तो 7 लोग बुरी तरह झुलस चुके थे। इनमें शेर मोहम्मद की पत्नी और 4 बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। जबकि उनके दादा-दादी और एक बच्ची झुलसी हुई थी। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया है। अगर फायर ब्रिगेड समय पर पहुंच जाती, तो सभी को बचा लिया जाता। गांव की प्रधान ने बताया कि हादसे में पूरा परिवार जल गया है।
शेर मोहम्मद के घर में आगे की तरफ दो छप्पर रखे थे, जिनमें आग लगी थी। जिस समय हादसा हुआ उस समय फातिमा अपने 5 बच्चों को लेकर छप्पर के नीचे सो रही थी। आग लगने के बाद कोई भाग नहीं पाया। जबकि पीछे के हिस्से में दो कमरे में बने हैं, जहां दोनों बुजुर्ग लेटे थे। इस कारण दोनों बुरी तरह झुलस गए हैं।
जिलाधिकारी रमेश रंजन ने बताया कि आग लगने से एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत हुई है, जबकि 2 लोग और झुलसे हैं। उनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। सभी मृतक एक ही परिवार के हैं। पीड़ित परिवार को प्रति व्यक्ति 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। आग के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
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