उत्तरी हिंद महासागर में सबसे लंबी अवधि का चक्रवात आठ से 23 नवंबर 1977 के बीच आया था। इसकी जीवन अवधि 14 दिन छह घंटे थी। यह बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न होकर अरब सागर के ऊपर कमजोर पड़ा था। रिपोर्ट में बताया गया कि बिपरजॉय ने अपनी 2525 किमी की यात्रा में नौ बार अपना रास्ता बदला।
जून माह की शुरुआत में गुजरात में तबाही मचाने वाला बिपर्जय 1977 से अब तक उत्तरी हिंद महासागर में उठा सबसे लंबी अवधि का चक्रवात था। यह दावा सोमवार को भारतीय मौसम विज्ञान (आइएमडी) ने किया।
क्या है बिपरजॉय पर दी गई आइएमडी की रिपोर्ट में?
बिपरजॉय इस साल अरब सागर पर उठा पहला चक्रवात था। यह छह जून को दक्षिणपूर्वी अरब सागर में उत्पन्न हुआ और 18 जून को कमजोर पड़ने से पूर्व 15 जून को सौराष्ट्र और कच्छ पहुंचा था। बिपरजॉय पर दी गई रिपोर्ट में आइएमडी ने बताया कि इस चक्रवात की उम्र 13 दिन और तीन घंटे थी। इसकी आयु अरब सागर में उठने वाले अन्य चक्रवातों की औसत आयु छह दिन तीन घंटे से दोगुनी से अधिक थी।
बिपरजॉय ने अपनी 2,525 किमी की यात्रा में नौ बार अपना रास्ता बदला
उत्तरी हिंद महासागर में सबसे लंबी अवधि का चक्रवात आठ से 23 नवंबर 1977 के बीच आया था। इसकी जीवन अवधि 14 दिन छह घंटे थी। यह बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न होकर अरब सागर के ऊपर कमजोर पड़ा था। रिपोर्ट में बताया गया कि बिपरजॉय ने अपनी 2,525 किमी की यात्रा में नौ बार अपना रास्ता बदला। इस कारण मौसम विज्ञानियों के लिए चक्रवात के मार्ग की भविष्यवाणी करना मुश्किल हो गया।
यह 11 जून को भी तीव्र होकर अत्यंत भीषण चक्रवात में बदल गया था लेकिन चार दिन बाद ही कमजोर पड़ गया। बिपरजॉय अपनी जीवन अवधि में औसतन 7.7 किमी की धीमी गति से आगे बढ़ा, जो अन्य चक्रवातों की तुलना में बहुत कम थी।
डॉ०यस०यन०सुनील पांडेय
कृषि मौसम वैज्ञानिक
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