नई दिल्ली : कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 8 जून को केरल तट पर देर से शुरू होने के बाद मानसून की धीमी प्रगति के साथ, खरीफ फसलों की बुवाई पर असर पड़ा है।अब तक चावल, दलहन और तिलहन की बुआई में साल दर साल क्रमश: 14.6%, 57.2% और 14.4% की गिरावट आई है। हालांकि, कपास और मोटे अनाज की बुआई साल दर साल क्रमश: 6 फीसदी और 64 फीसदी बढ़ी है।अधिकारियों ने कहा कि, अभी शुरुआती दिन हैं और अगले कुछ हफ्तों में बुवाई गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है।
यदि गन्ने की बुवाई मानसून से बहुत पहले शुरू हो जाती है, उसे छोड़ दिया जाए, तो अब तक खरीफ क्षेत्र में 49% की कमी आई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 1-13 जून के दौरान देश भर में संचयी मानसून वर्षा बेंचमार्क लंबी अवधि के औसत (LPA) से 47% कम रही है।क्षेत्रीय विविधताओं के संदर्भ में, अब तक मानसून की कमी 67% (मध्य भारत) और 59% (दक्षिण प्रायद्वीप) रही है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, 2022-23 फसल वर्ष के लिए भारत का खाद्यान्न उत्पादन 5% बढ़कर 330.5 मीट्रिक टन के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। खरीफ के दौरान उगाई जाने वाली मुख्य दालें तुअर, उड़द और मूंग हैं, जबकि प्रमुख तिलहन मूंगफली और सूरजमुखी हैं। मोटे अनाज (पौष्टिक अनाज) में मक्का, बाजरा और रागी शामिल हैं।
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