क्या भीषण गर्मी से बचाव के लिए हम लोगों के लिए भी कोई योजना है--बंदर
भटनी / देवरिया। भीषण गर्मी तथा लू की चपेट से पूरा प्रदेश त्रस्त है मनुष्य तो किसी तरह छाव में बैठकर कूलर एसी और पेड़ो के छाँव के बीच बैठकर अपना जीवन यापन कर रहा है परंतु जानवरों की क्या स्थिति है किसी ने सोचा है ?
मनुष्य ने सारे पेड़ जंगल धीरे-धीरे काट दिया हर जगह बिरान होता जा रहा है पर्यावरण असंतुलित हो गया है ऐसे में पेड़ों पर रहने वाले जीव अपना जीवन यापन कैसे करते हैं बहुत गंभीर प्रकरण है । स्वतंत्र तिवारी द्वारा बंदरों को गर्मी से त्रस्त होकर पेड़ों की छांव में एक नल के नीचे गर्मी और लू से बचाव करते हुए तस्वीरें देखकर बरबस लिखने को मजबूर हो गया।
मनुष्य के लालच और स्वार्थ के कारण जानवरों का जीवन भी दुभर कर दिया है । चलिए समस्त भारतवासी का संकल्प लेते हैं की एक पेड़ लगाएंगे तथा पेड़ों की रक्षा करेंगे और जानवरों की पीने के लिए जल की व्यवस्था करेंगे ।
सरकार की तरफ से भी इन जानवरों के लिए कोई योजना नहीं है जिससे यह जानवर इस गर्मी और लू से अपना बचाव और कर सके कोई धर्मशाला नहीं है कोई सार्वजनिक स्थान नहीं है जहां यह छुप कर आराम कर सके और जल ग्रहण कर सकें तथा गर्मी से अपनी रक्षा कर सकें ।
स्वतंत्र तिवारी की कलम से
0 टिप्पणियाँ