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डर के साए में शिक्षा :रायसेन जिले के बॉडी विकासखंड के अंतर्गत आने वाले शासकीय स्कूलों की स्थिति डरावनी तो है लेकिन शिक्षा जरूरी


डर के साए में शिक्षा :रायसेन जिले के बॉडी विकासखंड के अंतर्गत आने वाले शासकीय स्कूलों की स्थिति डरावनी तो है लेकिन शिक्षा जरूरी



उमेश चौबे,सुल्तानपुर रायसेन।स्कूल चले अभियान के तहत बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल भवन तो खोल दिए हैं लेकिन मौत के साए में नौनिहाल किस तरह से अपनी पढ़ाई करें जहां शिक्षा को लेकर प्रदेश सरकार बड़े-बड़े दावे और वादे तो करती है लेकिन वही आज भी प्रदेश में ग्रामीण अंचलों के भीतर शिक्षा दम तोड़ती दिखाई देती है वहीं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की तुलना विदेश में पढ़ने वाले बच्चों के साथ करते दिखाई देते हैं लेकिन जब स्कूल भवन नौनिहालों में डर बनाए हुए हैं तो इस तरह सरकारी स्कूल के बच्चे प्राइवेट स्कूल जा फिर विदेशी छात्रों से कैसे तुलना की जा सकती है।



क्या है जमीनी हकीकत प्रदेश के ग्रामीण अंचल के स्कूलों का जायजा लिया फिर एक बार ऐसा ही मामला सुल्तानपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले विकासखंड बाड़ी प्राथमिक शाला कोसमी में देखने को मिला जहां शिक्षक द्वारा बताया गया कि भवन जगह-जगह से प्लास्टर छोड़ रहा है और जर्जर स्थिति में आ चुका है वही छत से पानी टपकता रहता है और जगह-जगह से छत गिर रही है हमें बच्चों की पढ़ाई कराने में हमेशा डर लगा रहता है वही  पढ़ाई करते समय किताबें भी गीली हो जाती हैं वही बच्चों का कहना है कि हमें हमेशा छत गिरने का डर लगा रहता है कभी भी घटना हो सकती है



लेकिन देखने वाली बात और सोचने वाली बात यह है कि नौनिहाल शिक्षा से अपने भविष्य और अपने देश की दिशा और दशा बदल सकते हैं वही जमीनी स्तर पर शिक्षा के वादे और दावे दम तोड़ते दिखाई दे रहे हैं

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