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Kanpur शहर को मिली सौगात: रक्षा मंत्रालय ने ऑर्डनेंस फैक्ट्री को दिया 5 हज़ार करोड़ का ऑर्डर

Kanpur शहर को मिली सौगात: रक्षा मंत्रालय ने ऑर्डनेंस फैक्ट्री को दिया 5 हज़ार करोड़ का ऑर्डर




AB Digital Desk,KANPUR-ऑर्डनेंस फैक्ट्री को रक्षा मंत्रालय ने 5 हज़ार करोड़ के नए ऑर्डर दिए हैं। अब आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की वर्दी और बुलेट प्रूफ जैकेट से लेकर पैराशूट समेत अन्य उत्पाद कानपुर की ऑर्डनेंस फैक्ट्री में ही बनेगा। सांसद ने नॉन कोर आइटम बनाने वाले डिफेंस फैक्ट्रियों का हाल रक्षा मंत्री के सामने रखा था। इसके चलते रक्षा मंत्रालय ने ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों की माली हालत को देखकर 5 हज़ार करोड़ का ऑर्डर देकर जान फूंक दी है।



बता दें कि सेना के लिए नॉन कोर आइटम बनाने वाली ट्रूप कंफर्ट लिमिटेड (टीसीएल) और ग्लैडर इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) के तहत जल, थल और एयरफोर्स के लिए वर्दी, टेंट, कंबल, ग्लब्स समेत 256 उत्पाद बनाती है। इनके उत्पाद नॉन कोर घोषित होने के बाद तय हुआ था कि अब सेना यहां बनने वाले उत्पाद निजी क्षेत्र से भी खरीद सकती हैं। इसके बाद से इन कंपनियों का भविष्य अधर में लटक गया और ओईएफ एवं पैराशूट जैसी प्रतिष्ठित रक्षा प्रतिष्ठान अपने अस्तित्व बचाने के लिए जूझने पर मजबूर हैं।

ज्ञात हो कि सांसद सत्यदेव पचौरी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी और उन्हें मामले से अवगत कराया था। सांसद ने कहा था कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे। इसके बाद रक्षा मंत्री ने ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों की रिपोर्ट तलब की तो मामला सही पाया गया। इसके बाद उन्होंने सेना के लिए उत्पाद बनाने वाली टीसीएल और जीआईएल समूह की ऑर्डनेंस इक्यूपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) और ऑर्डनेंस पैराशूट फैक्ट्री (OPF) को सेना के लिए ज़रूरत का सामान बनाने का करीब 5 हज़ार करोड़ का ऑर्डर दिया है।

बताते चलें कि सेना के लिए ज़रूरत का 265 तरह का उत्पाद बनाने के लिए ओईएफ और पैराशूट फैक्ट्री थी। लेकिन निजीकरण के बाद आयुध वस्त्र निर्माणी अवदी कानपुर एवं शाहजहांपुर और आयुध उपकरण निर्माणी कानपुर एवं हज़रतपुर को एक कंपनी बना दिया गया। यह सभी फैक्ट्रियां अब टीसीएल के दायरे में काम करती हैं। जबकि जीआईएल पैराशूट फैक्ट्री है। इन सभी उत्पादों को नॉन कोर में शामिल करने के बाद यह गाइड लाइन बना दी गई थी कि सेना अब किसी भी कंपनी से नॉन कोर आइटम खरीद सकती है। इसके बाद से इन सभी फैक्ट्रियों में संकट खड़ा हो गया था।




कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी ने बताया कि उनके पास भारतीय मज़दूर संघ उत्तर प्रदेश और भारतीय प्रतिरक्षा मज़दूर संघ के पदाधिकारी आकर मिले थे। उन्होंने कंपनी के पास वर्क लोड नहीं होने को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। मामले को लेकर उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और पूरी समस्या को रखा। मामले की जानकारी लेने के बाद रक्षामंत्री ने कानपुर की ओईएफ और ओपीएफ को करीब 5 हज़ार करोड़ का काम सौंपा है। इसके चलते पांच साल तक का वर्कलोड कंपनी के पास आ गया है।

गौरतलब है कि ये निजी कंपनियां टेंडर लेने के लिए पहले तो बहुत कम कीमत का हवाला देकर प्रतिस्पर्धा में शामिल हो जाती हैं और उसके बाद उत्पाद की गुणवत्ता से समझौता करती हैं। निजी क्षेत्र की ये कंपनियां गुणवत्ता वाली वस्तुओं की आपूर्ति करने में विफल रहती हैं। इसका खामियाज़ा भारतीय सैनिकों को भुगतना पड़ता है। हालांकि इतना बड़ा ऑर्डर मिलने के बाद एक बार फिर से रक्षा मंत्रालय ने इन सभी ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों में जान फूंक दी है। करीब 5 हज़ार करोड़ का ऑर्डर मिलने से कर्मचारियों में खुशी है। कर्मचारी यूनियन ने सांसद सत्यदेव पचौरी के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को धन्यवाद दिया है।

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