बालिकाओं को दिया जाएगा आत्मरक्षा प्रशिक्षण
अजय कुमार त्रिपाठी ,मथुरा । समग्र शिक्षा अभियान में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के अन्तर्गत जनपद के विभिन्न राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं के आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के संबंध में जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम समिति के अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा आत्मरक्षा प्रशिक्षण एक जीवन कौशल है, जो बालिकाओं में आत्म विश्वास पैदा करने, उनको अपने परिवेश के बारे में जागरूक होने एवं किसी भी अत्याशित घटना के बचाव के लिए तैयार रहने मदद करता है।
आत्मरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से बालिकाओं को संकट के समय अपनी रक्षा के लिए मनोवैज्ञानिक, बौद्धिक एवं शारीरिक रूप से मजबूत बनना सिखाया जाता है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत बालिकाओं को विपरीत परिस्थितियों से सामना करने हेतु मानसिक एवं शारीरिक रूप से सशक्त बनाते हुए प्रशिक्षित ट्रेनर्स के माध्यम से मार्शल आर्ट, जूडो, ताइक्वांडो, कराटे आदि के माध्यम से उनमें जीवन कौशल का विकास किया जाता है।
प्रशिक्षण हेतु ऐसे खिलाडियों का चयन किया जायेगा जिसके पास मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट योग्यता प्रमाण-पत्र हो। एक प्रशिक्षक अधिकतम् तीन विद्यालयों में उपस्थित होकर प्रशिक्षण करायेगा। प्रशिक्षक को तीन माह हेतु अधिकतम 12 हजार रूपए मानदेय दिया जायेगा। प्रत्येक विद्यालय में प्रशिक्षण 03 माह अक्टूबर, नवम्बर व दिसम्बर 2023 तक संचालित किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग द्वारा उपस्थित उपाधीक्षक को निर्देशित किया कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण हेतु चयनित विद्यालयों में अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से बालिकाओं को साइबर क्राइम से बचने, असामाजिक तत्वों से बचने, बालिकाओं को हेल्प लाइन नम्बरों- 1090 ,112, 108 तथा क्षेत्रीय महिला थाना नम्बरों की जानकारी प्रदान की जाऐ तथा पुलिस विभाग के माध्यम से विद्यालयों में प्रेरणात्मक कार्यक्रम भी संचालित कराये जाये।
जिलाधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण का माह वार ट्रेनिंग मॉड्यूल, पीपीटी तैयार कर विद्यालयों को उपलब्ध करायी जाएं और पंपलेट पोस्टर भी जागरूकता के उद्देश्य लगाए जाएं तथा विद्यालय स्तर पर उक्त कार्यक्रम हेतु 02 महिला शिक्षिकाओं को नामित किया जाए, जो बालिकाओं से संवाद स्थापित कर बालिकाओं की मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक संवेदनाओं का पता लगाकर सही दिशा प्रदान करने हेतु परिचर्चा करना।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना, जिला विद्यालय निरीक्षक भाष्कर मिश्रा, पुलिस उपाक्षीक्षक गुंजन सिंह आदि उपस्थित रहे
0 टिप्पणियाँ