मन वचन कर्म से धर्म के अनुसार चलना ही प्रभु श्री राम की सच्ची भक्ति है- धर्माधिकारी राजेंद्र प्रसाद
उमेश चौबे,उदयपुरा, रायसेन । श्री रामचरितमानस विद्यापीठ द्वारा संचालित मानस यात्रा, के ग्राम धौलश्री राम जानकी मंदिर पर पहुंचने पर ग्राम के राजेश मास्टर सर्वोदय एवं युवा गोरक्षण समिति सदस्यों द्वारा विद्वानों एवं अतिथियों का पुष्पमाला एवं तिलक लगाकर सम्मान किया, मंदिर प्रांगण में आयोजित सत्संग सभा में धर्माधिकारी राजेंद्र प्रसाद शास्त्री ने कहा कि रामराज का प्रथम नागरिक निषाद राज केवट है, प्रभु श्री राम ने निषाद राज को आभूषण, वस्त्र, प्रसाद में दिए एवं अपने घर के लिए विदा किया, प्रभु श्री राम कहते हैं ,कि मेरा स्मरण करते रहना और मन ,वचन तथा कर्म से धर्म के अनुसार चलना, यहि प्रभु श्री राम का निषाद राज को निज संदेश है, मानस में उत्तराखंड के रामराज का वर्णन सुरेंद्र शास्त्री,नर्मदा प्रसाद रामायणी, रामनरेश शास्त्री, देवव्रत राजोरिया ,केशव तिवारी, योगेश पांडे, सुदामा शास्त्री एवं सचिन कृष्ण शास्त्री द्वारा बड़े रोचक ढंग से प्रस्तुत किया, कार्यक्रम का संचालन चतुर नारायण रघुवंशी द्वारा किया गया मानस ग्रंथ की मंगल आरती में पूर्व सरपंच राधेलाल, परशुराम शर्मा, यशवंत दुबे ,सुदर्शन कौरव, राजकिशोर कौरव, टोडल सिंह, प्रेम शंकर चंदेल ,अमर सिंह लोधी, देवेंद्र श्रीवास्तव ,सुमेर सिंह राजपूत, डीपी पाठक, रघुवीर पटेल, लक्ष्मी नारायण सचिव ,देवेंद्र पटेल ,जीतू सरपंच, प्रदीप रघुवंशी , मनीष राजपूत, मोतीराम पटेल, राम ऋषि लोधी, योगेंद्र दुबे, आयुष बिश्नोई, हीरालाल विश्वकर्मा, निखिल रघु, निलेश झरा, शुभम बड़कुर, एवं विभिन्न ग्राम से पधारे हुए श्रोताओं ने भाग लेकर प्रसाद ग्रहण किया।
0 टिप्पणियाँ